औरंगाबाद (ग्रामीण). दाउदनगर के चर्चित प्रिंस हत्याकांड में भले ही एक अपराधी को पकड़ कर औरंगाबाद पुलिस ने मामले का खुलासा करने का दावा कर लिया हो, लेकिन सच्चई कुछ और ही सामने आ रही है. प्रिंस के परिजनों व पुलिस की कथनी में आसमान जमीन का अंतर पड़ रहा है.
एक तरफ स्वयं पुलिस अधीक्षक दावा कर रहे हैं कि प्रिंस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा दी गयी. एक हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीन अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. लेकिन, प्रिंस के पिता अजय चंद्रवंशी व चाचा विजय चंद्रवंशी पुलिस के दावे से इत्तफाक नहीं रखते हैं. इन दोनों का कहना है कि पुलिस ने जान बूझ कर एक कहानी गढ़ी और असली मुजरिमों को बचाया.
जिन लोगों को पुलिस आरोपित मान रही है, उसमें तो असली मुजरिम शामिल ही नहीं है. दाउदनगर थाने में गिरफ्तार अपराधी विकास चंद्रवंशी की पूछताछ की रिकॉर्डिग की गयी थी,जिसे पुलिस ने पूरी तरह छुपा दिया. अब तो स्थिति यह हो गयी है कि सादे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए पुलिस हमलोगों पर दबाव बना रही है. आखिर हमलोगों को न्याय क्यों नहीं मिला और असली मुजरिम को क्यों बचाया जा रहा है. प्रिंस के पिता अजय चंद्रवंशी ने कहा है कि एसपी पर से विश्वास उठ गया है. हमलोगों को विश्वास था कि न्याय मिलेगा, लेकिन उलटे हम ही अपहरण का आरोपित बना दिया गया. एसपी साहब बताये कि कब और किसका अपहरण किया और किस थाने में हमारे विरुद्ध मामला दर्ज किया गया. बात जो हो, पुलिस व परिजनों के बयान से प्रिंस हत्याकांड की गुत्थी अभी भी अनसुलझी है. देखना यह है कि आगे कौन-कौन सा मोड़ इस मामले में आता है.