– कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं नक्सली
– शनिवार को उड़ाया गया थाना भवन
ओबरा : ओबरा प्रखंड में पिछले कुछ समय से नक्सली गतिविधियां बढ़ गयी हैं. पिछले तीन माह से इस प्रखंड के खुदवा थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगातार कोई न कोई घटना को अंजाम दिया जा रहा है. इसके बावजूद पुलिस कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है. यही कारण है कि नक्सली घटना का अंजाम देकर आराम से चले जा रहे हैं.
शनिवार की रात भाकपा माओवादी के हथियार बंद दस्ते ने खुदवा बाजार से कुछ ही दूरी पर बनाये गये नवनिर्मित थाना भवन को बम लगा कर उड़ा दिया. घटना करीब 10 बजे रात की बतायी जा रही है. जब इस क्षेत्र के लोग खाना खाकर सोने के लिए तैयारी कर रहे थे, बम विस्फोट होने की आवाज लोगों की कानों में सुनायी दी.
इसके बाद लोग अपने–अपने घरों में दुबके रहे. जब सुबह हुआ, तो देखा कि खुदवा थाना का नव निर्मित भवन क्षतिग्रस्त हुआ है. उसमें दो जिंदा बम लगा हुआ. इसके बाद लोग कहने लगे हैं कि नक्सली अब इस इलाके में तेजी से अपना पांव पसार रहे हैं. इसके पूर्व नक्सलियों ने सागरपुर गांव में ईंट भट्टा पर हमला कर ट्रैक्टर को जला दिया था.
अहिरारी गांव के पास पुनपुन नदी पर बन रहे पुल पर हमला कई वाहनों को जला दिया गया था. सड़क निर्माण करा रही एक कंपनी के ऊपर हमला कर मेघपुर गांव के पास वाहन को जला दिया था.
हो चुकी हैं कई घटनाएं
खुदवा थाना भवन पर नक्सलियों द्वारा हमला किया जाना कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि इसके पहले भी कई थाना पर हमला किये हैं. नक्सलियों ने सिमरा थाना पर हमला कर दो लोगों की हत्या कर भवन को ध्वस्त कर दिया था. साथ ही हथियार को लूट लिये थे. माली थाना पर हमला कर भी इसी तरह घटना का अंजाम दिया था. एक वर्ष पहले नक्सलियों ने टंडवा, ढिबरा व सलैया थाना पर जम कर गोलीबारी की थी.
15 को होना था उद्घाटन
इससे पहले से अस्पताल के मकान में चल रहे थाना को नये भवन में 15 अगस्त को शिफ्ट करना था, जिसकी सारी तैयारी पूरी कर ली गयी थी. जैसा कि पुलिस सूत्र बताते हैं. इसकी सूचना नक्सली को लग गयी और भवन के उद्घाटन होने से पहले ही नक्सली नव निर्मित थाना भवन को निशाना बनाते हुए उसे बम लगा कर क्षतिग्रस्त कर दिया.
थाने को किया ध्वस्त
वर्तमान में चल रहे थाना से एक किलोमीटर की दूरी पर लाखों रुपये खर्च कर पुलिस विभाग द्वारा थाना भवन का निर्माण कराया गया था, जिसे नक्सलियों ने बम लगा कर शनिवार की रात उड़ा दिया गया. जैसे ही थाना भवन को उड़ाने लिए बम को विस्फोट किया गया, वैसे ही यदि पुलिस वहां पहुंच जाती, तो नक्सली पकड़ जा सकते थे, लेकिन पुलिस थाना से बाहर नहीं निकल सकी.