10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रशासन का प्रयास विफल

इब्राहिमपुर में भूमि पर कब्जा दिलाने का मामला औरंगाबाद (नगर) : सदर प्रखंड के इब्राहिमपुर गांव में एक भूमि पर प्रशासन द्वारा कब्जा दिलाने का पहला प्रयास विफल हो गया. महादलित परिवार के लोगों ने प्रशासन के प्रयास को न केवल विफल किया, बल्कि उनके सामने अपनी शक्ति का भी एहसास कराया. 150 से दो […]

इब्राहिमपुर में भूमि पर कब्जा दिलाने का मामला

औरंगाबाद (नगर) : सदर प्रखंड के इब्राहिमपुर गांव में एक भूमि पर प्रशासन द्वारा कब्जा दिलाने का पहला प्रयास विफल हो गया. महादलित परिवार के लोगों ने प्रशासन के प्रयास को केवल विफल किया, बल्कि उनके सामने अपनी शक्ति का भी एहसास कराया.

150 से दो सौ की संख्या में जब महादलित परिवार पारंपरिक हथियारों से लैस होकर इब्राहिमपुर गांव से नारा लगाते हुए जब उस भूमि पर पहुंचे, तो प्रशासन के लोग उनकी संख्या बल को देख कर घबरा गये और जब महादलित आक्रोशित होकर प्रशासन की तरफ बढ़े, तो प्रशासन के लोगों को पीछे हटने के सिवा कोई चारा रहा है.

...हो सकती थी बड़ी घटना

कोर्ट के आदेश पर भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए सदर अनुमंडल पदाधिकारी कुमार देवेंद्र प्रौज्जवल, डीसीएलआर धनंजय कुमार, बीडीओ उदय प्रताप सिंह, सीओ वीरेंद्र कुमार, फेसर थानाध्यक्ष प्रेमचंद कुमार और बड़ी संख्या में सुरक्षा बल पहुंचे थे. सदर एसडीओ के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम कब्जा दिलाने का काम कर रही थी. प्रशासन द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से दमकल भी ले जाया गया था. भूमि को जोतने के लिए ट्रैक्टर भी साथ ले गये थे.

जैसे ही यह ट्रैक्टर जोतने के लिए खेत में प्रवेश किया महादलित परिवार के लोग नारेबाजी करते हुए पहुंचे. महादलितों ने आते ही आक्रमण कर दिया और ट्रैक्टर को तोड़फोड़ दिया. महादलित प्रशासन से भी उलझने की स्थिति में गये. यदि प्रशासन की टीम भी अड़ जाती, तो एक बड़ी घटना हो सकती थी, लेकिन सदर एसडीओ स्थिति को भांप गये और वहां से पीछे हटना ही मुनासिब समझा. अब देखना यह है प्रशासन इस भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए कौन सा हथकंडा अपनाती है.

आसान नहीं है कब्जा दिलाना

इब्राहिमपुर की भूमि पर कब्जा दिलाना प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा. हालांकि, एक तरफ हाइकोर्ट के आदेश का पालन करने का भी दबाव प्रशासन पर है. दूसरी तरह प्रशासन कोई ऐसा जोखिम नहीं उठाना चाहेगा, जिससे सरकार को मुसीबत का सामना करना पड़े, लेकिन सच तो यह है कि इस भूमि को महादलितों से छीन कर कौलेश्वर सिंह के भतिजे राम नारायण सिंह को कब्जा दिलाना कोई आसान काम नहीं होगा.

कौलेश्वर सिंह की है भूमि

महादलितों के बीच बांटी गयी भूमि नौगढ़ गांव के कैलेश्वर सिंह नामक किसान की थी. बताया जाता है कि कौलेश्वर सिंह को कोई संतान नहीं था. इनके पास 66 एकड़ भूमि थी. सिलिंग कर सरकार ने इनकी 37 एकड़ भूमि महादलितों के बीच बांट दी.

क्या है भूमि का मामला

1992 में बिहार सरकार ने इब्राहिमपुर के महादलित परिवार के बीच 37 एकड़ भूमि का परचा बांट दिया. भूमि एकएक एकड़ के हिसाब से 37 लोगों के बीच बांटी गयी. परचा के आधार पर महादलितों ने उस भूमि को पर कब्जा जमा लिया. वह केवल फसल लगाने लगे, बल्कि उसका डिमांड महादलित परचा धारियों के नाम खुला. दाखिलखारिज का रसीद कटने लगा. सरकार को मालगुजारी के रूप में पैसा का भुगतान भी हो रहा है. लगभग 21 वर्ष बाद इस भूमि पर हाइकोर्ट का फैसला आया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें