औरंगाबाद : नगर पर्षद के मुख्य पार्षद उदय कुमार गुप्ता ने वार्ड 11 की पार्षद संगीता सिंह व उनके पति अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ चुलबुल सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक वर्ष से वे दोनों उन्हें अति पिछड़ा समझकर प्रताड़ित कर रहे है.
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अति पिछड़ा समझ प्रताड़ित कर रही हैं वार्ड पार्षद : मुख्य पार्षद
औरंगाबाद : नगर पर्षद के मुख्य पार्षद उदय कुमार गुप्ता ने वार्ड 11 की पार्षद संगीता सिंह व उनके पति अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ चुलबुल सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक वर्ष से वे दोनों उन्हें अति पिछड़ा समझकर प्रताड़ित कर रहे है. प्रेस बयान जारी कर मुख्य पार्षद ने कहा कि […]
प्रेस बयान जारी कर मुख्य पार्षद ने कहा कि पति-पत्नी ने उन्हें गलत काम करने का दबाव बनाये. संगीता सिंह नगर पर्षद की पूर्व मुख्य पार्षद है और तत्काल में सभी अहम समितियां, जैसे सशक्त स्थायी समिति व निविदा समिति की सदस्य है.
दो साल के कार्यकाल में किसी भी तरह से अनियमितता या भ्रष्टाचार से संबंधित कोई भी बात उन्होंने उन्हें या इओ के समक्ष नहीं रखा. कुछ माह पहले से जब पति-पत्नी द्वारा दिये गये दबाव के बावजूद गलत काम करने से इन्कार कर दिया, तो उन्हें मुख्य पार्षद के पद से भी हटाने की साजिश रची गयी. लेकिन, सभी पार्षदों के सहयोग से वे मुख्य पार्षद पद पर बरकरार है. पिछले कुछ दिनों से संगीता सिंह के पति कभी कार्यालय में, तो कभी उनके घर पर आकर धमकाते रहते है.
इस बात को तमाम पार्षद जानते है. संगीता सिंह ने निविदा समिति से इस्तीफे की बात कही, तो इस संदर्भ में बताना चाहता हूं कि अविश्वास प्रस्ताव झेलने के बाद भी जब वे इस पद पर बरकरार हुए तब संगीता सिंह को सशक्त स्थायी समिति पद से 29 जून को ही हटा दिया और उन्हें पता था कि दो-चार दिन में निविदा समिति से भी हटा दिया जायेगा. इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने का नाटक किया.
इनके प्रभाव का नाजायज फायदा उठाना चाहते थे उनके सगे संबंधी, सख्ती बरती, तो लगाया झूठा आरोप
नगर पर्षद के मुख्य पार्षद उदय कुमार गुप्ता ने कहा कि सफाई व्यवस्था पर जो संगीता सिंह ने उंगली उठायी है. शहर वासियों को बताना चाहता हूं कि सफाई कार्य का संवेदक उन्हीं का आदमी है और उनके बहुत सारे सगे संबंधी नगर पर्षद के कामों में लगे रहते है. उनके प्रभाव का नाजायज फायदा उठाना चाहते है. जब उन लोगों पर सख्ती बरती, तो झूठा आरोप लगाया जा रहा है.
मुख्य पार्षद रहते मेरे कार्यकाल में कोई भी नया लाइट नहीं लगा है. अब केंद्र सरकार की सरकारी संस्था ईईएसएल द्वारा कुछ वार्डों में नयी लाइटें लगाने का काम शुरू हुआ है जो आगे चल कर शहर के सभी वार्डों में लगेगा. जहां तक भ्रष्टाचार की बात है, तो अगर वे सच में आंदोलन करना चाहते है, तो उनका स्वागत है.
मैं भी 2007 से पार्षद हूं. अगर वह सच में भ्रष्टाचार के खिलाफ है, तो वर्ष 2007 से अब तक बिंदुवार प्रस्ताव दें. सारे बिंदु पर कमेटी बनाकर जांच कराने के लिए तैयार हूं. जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया है उन लोगों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करायी जायेगी. गौरतलब है कि पार्षद संगीता सिंह ने निविदा समिति के सदस्य से इस्तीफा देते हुए नगर पर्षद पर भी कई आरोप लगाये थे.
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