फारबिसगंज : तालीम व दावत के कामों में लग कर दीन की अमानत को एक दूसरे तक पहुंचाये, नियमित रूप से पढ़े नामाज मस्जिदों को करें आबाद और अपने अखलाक को बुलंद रखते हुए बंदे के हक हकूक का भी पूरा-पूरा ख्याल रखें. उपरोक्त बातें तब्लीगी जमाअत के अमीर दिल्ली से आये हजरत मौलाना शाद साहब ने पड़ोसी देश नेपाल के सप्तरी जिला के झंझार में आयोजित तीन दिवसीय आलमी इज्तिमा के अंतिम दिन समापन के मौके पर इज्तिमा में नेपाल के अलावा भारत के विभिन्न प्रांतों से लाखों की संख्या में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए अपने तकरीर व बयान के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि आप नबी के सुन्नत पर अमल करते हुए अपनी जिंदगी गुजारे व अल्लाह की इबादत करें अल्लाह आपकी हिफाजत करेगा. उन्होंने आगे अपने संबोधन में लोगों से अपने बच्चों को तालीम देने शिक्षा पर ध्यान देने की बातें कही. उन्होंने कहा कि इल्म हासिल करना चाहिए चूंकि इल्म बहुत बड़ी दौलत है. मौलान शाद साहब ने आगे अपने बयान में कहा कि अल्लाह के रास्ते पर निकलना दीन की अमानत को दूसरे इंसानों तक पहुंचाना, आपस में मिल जुल कर रहना एक इंसान को दूसरे इंसान के साथ अखलाक से पेश आना,
एक दूसरे के हक का ख्याल रखना बहुत बड़ा काम है. उन्होंने लोगों से फिजूल खर्ची से बचने व अपने हर अमल को सही नीयत के साथ अल्लाह के रजामंदी के लिए व आखरत को संवारने के लिए करने नाम व शोहरत के लिए नहीं करने की बात कही. मौके पर हजरत मौलाना शाद साहब के अलावा हजरत मौलाना जमशेद साहब, हजरत मौलाना उमर साहब मेवात, जाकिर साहब नेपाल, हजरत मौलाना मो यूसुफ साहब, हजरत मौलाना अब्दुल सत्तार साहब, हजरत मौलाना शमीम अहमद साहब, भाई मुरसलीन साहब, हाफिज मंजूर साहब, हजरत मौलाना जमशेद साहब, मौलाना अब्दुल सत्तार साहब नदवी के अलावा अन्य उलेमाओं ने तकरीर बयान की. cccइज्तिमा से लौट रहे आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल