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स्पीडी ट्रायल की कार्रवाई से अपराधियों में हड़कंप, तेजी से सुनायी जा रही सजा

अररिया : अररिया व्यवहार न्यायालय के विभिन्न न्यायालयों में कई संदिग्ध मामलों में अपराधियों के विरुद्ध साक्ष्य मिलने पर उन्हें सजा सुनायी जा ही रही है. लेकिन स्पीडी ट्रायल के मामलों में कुछ ज्यादा ही तेजी बरती जा रही है. स्पीडी ट्रायल के तहत तेजी से सजा घोषित होने से कई शातिर व आदतन अपराधियों […]

अररिया : अररिया व्यवहार न्यायालय के विभिन्न न्यायालयों में कई संदिग्ध मामलों में अपराधियों के विरुद्ध साक्ष्य मिलने पर उन्हें सजा सुनायी जा ही रही है. लेकिन स्पीडी ट्रायल के मामलों में कुछ ज्यादा ही तेजी बरती जा रही है. स्पीडी ट्रायल के तहत तेजी से सजा घोषित होने से कई शातिर व आदतन अपराधियों में खौफ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 के जनवरी माह से लेकर दिसंबर माह तक करीब 15 विभिन्न मामलों में ऐसे 20 शातिर व आदतन अपराधी हैं, जिन्हें तीन वर्ष, पांच वर्ष व सात वर्ष की सजा से लेकर आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है.

उल्लेखनीय है कि अररिया पुलिस अधीक्षक (एसपी) धुरत सायली सांवलाराम के अथक प्रयासों की बदौलत ही जिले में अपराध नियंत्रण के मद्देनजर स्पीडी ट्रायल को काफी बढ़ावा भी मिला है. एसपी द्वारा स्पीडी ट्रायल के लिए एक मजबूत टीम का भी गठन किया गया है. गठित टीम के सदस्य पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. गठित टीम की कप्तानी की कमान स्वयं अपने हाथों में एसपी ने ले रखी है.
साथ ही उनके द्वारा प्रतिनियुक्त इंस्पेक्टर तारकेश्वर प्रसाद सिंह अपने दोनों एएसआई क्रमशः दिनेश कुमार सिंह व मनोज कुमार सिंह के अलावा सिपाही क्रमशः मयुस जैन, रोहितेश्वर कुमार व अविनाश कुमार की बदौलत सजगता से कार्य को सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं. एएसआई दिनेश कुमार सिंह की मानें तो स्पीडी ट्रायल के मामलों में सिविल कोर्ट से अभियोजन पक्ष के लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजकों की भूमिका भी सराहनीय देखी जा रही है.
विभिन्न मामलों में सुनायी गयी सजा :
बताते चलें कि 11 फरवरी 2019 को एक मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत फारबिसगंज थाना कांड संख्या 220/12 में एक अपराधी विक्की यादव को आर्म्स एक्ट के तहत न्यायालय के न्यायधीश द्वारा तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी थी. उसके बाद अप्रैल माह में तीन विभिन्न मामलों में अपराधियों की सजा मुकर्रर की गयी.
इनमें 6 अप्रैल को फारबिसगंज थाना कांड संख्या 89/18 के अभियुक्त मो असलम उर्फ फिच्चा, मो नईम, मो इसराफिल, अहमद उर्फ बबली व दिलशाद अंसारी को सात-सात वर्ष सश्रम कारावास सहित 11 अप्रैल को नरपतगंज (बथनाहा) थाना कांड संख्या 269/16 मे चरण हासदा को पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा के अलावा 30 अप्रैल को अररिया थाना कांड संख्या 118/11 के अभियुक्त मो जावेद को तीन वर्ष का साधारण कारावास की सजा मिली.
5 मई को अररिया थाना कांड संख्या 497/02 में अपराधी दिनेश राठौड़ को भादवि की धारा 302/34 व 27 आर्म्स एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा मिली. इसके बाद जून माह में चार विभिन्न मामलों में अपराधियों की सजा मुकर्रर की गयी.
इनमें 17 जून को अररिया (आरएस) थाना कांड संख्या 274/18 में तीन अभियुक्त क्रमशः मो सुभान, मो विक्की व मोनू जायसवाल को आजीवन कारावास की सजा मिली. 20 जून को नरपतगंज थाना कांड संख्या 23/17 में अभियुक्त सूरज यादव उर्फ टुनटुन यादव को आजीवन कारावास की सजा मिली.
19 जून को अररिया थाना कांड संख्या 284/18 में आजीवन कारावास की सजा तथा 26 जून को फारबिसगंज थाना कांड संख्या 268/17 में आरोपित प्रमोद कुमार क्षत्री को तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा मिली. इसके बाद जुलाई माह में दो विभिन्न मामलों में अपराधियों की सजा मुकर्रर की गयी.
मधेपुरा के दो शातिराें को 10-10 वर्ष की सजा : इनमें रानीगंज (बौसी) थाना कांड संख्या 233/04 में मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाना अंतर्गत जरावरगंज निवासी शातिर अपराधी मो उमा उर्फ हसीबुल व मो जसीम को 10-10 वर्ष का साधारण कारावास की सजा मिली. वहीं 31 जुलाई को भरगामा थाना कांड संख्या 65/13 में दो अपराधी दिलीप यादव व नित्यानंद यादव को उम्रकैद की सजा मिली. उसके बाद अगस्त माह में एक मामले में अपराधियों की सजा मुकर्रर की गयी हैं.
यह सजा 7 अगस्त को फारबिसगंज थाना कांड संख्या 455/17 में तीन आरोपियों क्रमशः सूरज यादव उर्फ टुनटुन यादव, रूपेश यादव व रंजीत यादव है. इन तीनों अभियुक्तों को 3-3 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा मिली है. सितंबर माह में भी एक मामले में अपराधियों की सजा मुकर्रर की गयी.
फारबिसगंज थाना कांड संख्या 459/16 के दो अभियुक्त क्रमशः नेहाल उर्फ जुल्फी व नसर उर्फ मो नसर इमाम को आजीवन कारावास की सजा मिली है. इसी प्रकार, अक्टूबर माह में दो विभिन्न मामलों में अपराधियों की सजा मुकर्रर की गयी. इनमें 3 अक्टूबर को फारबिसगंज थाना कांड संख्या 456/17 के आरोपी सूरज यादव उर्फ टुनटुन यादव को तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा मिली.
वहीं 31 अक्टूबर को नरपतगंज थाना कांड संख्या 58/15 के अभियुक्त सूरज यादव उर्फ टुनटुन यादव को आजीवन कारावास की सजा के अलावा आर्थिक दंड की सजा भी सुनायी गयी. वहीं दिसंबर माह में एक मामले में अपराधी की सजा मुकर्रर की गयी. सिकटी थाना कांड संख्या 179/18 के अभियुक्त
राजेश सदा को आजीवन कारावास की सजा मिली
प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन एसडीजेएम देवराज की अदालत ने सितंबर माह में ही रानीगंज थाना कांड संख्या 157/18 के दो आरोपी क्रमशः मो मुर्शिद व मो अलानूर के सज़ा को बढ़ाने के लिए तत्कालीन सीजेएम शशिकांत रॉय की अदालत में भेजा था. जहां करीब एक तक रिकॉर्ड को रखके एसीजेएम-1 के न्यायलय मे भेज दिया गया है. वहां पर ये रिकॉर्ड जजमेंट की राह में बाट जोह रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि अभियुक्त क्रमशः मो असलम उर्फ फिच्चा, मो नईम, मो इसराफिल, अहमद उर्फ बबली, दिलशाद अंसारी, मो सुभान, मो विक्की, मोनू जैसवाल, सूरज कुमार उर्फ टुनटुन यादव, विक्की यादव सहित दिनेश राठोर का नाम पुलिस रिकॉर्ड में जिले के 10 टॉप मोस्ट क्रिमिनल्स की श्रेणियों में दर्ज हैं. कारण कि ये सभी जिले के बड़े से बड़े मामलों में शातिर व आदतन अपराधी की श्रेणी में जिला में विख्यात हो गये हैं. अब, कयास यही लगाया जा रहा है कि नये वर्ष के शुरुआती दौर से ही स्पीडी ट्रायल के मामलों में तेजी आ जायेगी.

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