- बच्चों को धुएं में रहने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी है भगवान भरोसे
- 1822 विद्यालयों में दी गयी एलपीजी राशि, इनमें 93 मदरसा व 15 संस्कृत विद्यालय भी
- 1714 प्रारंभिक विद्यालयों में ही दिया गया है एलपीजी कनेक्शन
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आज भी 226 स्कूलों में चूल्हे से निकले धुएं के बीच पकता है मध्याह्न भोजन
बच्चों को धुएं में रहने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी है भगवान भरोसे 1822 विद्यालयों में दी गयी एलपीजी राशि, इनमें 93 मदरसा व 15 संस्कृत विद्यालय भी 1714 प्रारंभिक विद्यालयों में ही दिया गया है एलपीजी कनेक्शन सुब्रत सिन्हा, अररिया : जिले के 226 एमडीएम संचालित प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में आज भी लकड़ी […]
सुब्रत सिन्हा, अररिया : जिले के 226 एमडीएम संचालित प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में आज भी लकड़ी पर ही बच्चों का मध्याह्न भोजन तैयार किया जाता है. ऐसे में लकड़ियों का बचाव व विद्यालयों को पूर्णरूप से धुआं रहित बनाने से सरकार की परिकल्पना साकार होती नहीं दिख रही है. सरकार ने पर्यावरण के बचाव के साथ-साथ विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को धुएं से छुटकारा दिलाने के लिए एमडीएम संचालित विद्यालयों में एलपीजी गैस कनेक्शन देने का फैसला लिया है.
लेकिन विद्यालय के अनुकूल शत प्रतिशत राशि उपलब्ध नहीं होने के काररण सरकार का यह सपना, जिले में शत प्रतिशत सफल नहीं हो पा रहा है. जिले में 1956 प्रारंभिक विद्यालय हैं. इनमें 1940 विद्यालय में एमडीएम संचालित है. जिले में 1822 विद्यालय में एलपीजी की राशि मुहैया करायी गयी है. इनमें 93 मदरसा व 15 संस्कृत विद्यालय शामिल हैं. इस तरह से मात्र 1714 प्रारंभिक विद्यालय में एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया गया है. 226 प्रारंभिक विद्यालय में आज भी लकड़ी पर ही एमडीएम तैयार किया जाता है.
304 विद्यालय ऐसे जहां एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध, लेकिन नहीं हैं सुरक्षा के साधन : प्रथम चरण में 109, द्वितीय चरण में 195, तृतीय चरण में 1243 व चतुर्थ चरण में 275 विद्यालय में एलपीजी कनेक्शन दिया गया.
प्रथम व द्वितीय फेज में चार हजार 100 रुपये प्रति विद्यालय व तृतीय व चतुर्थ चरण में 5 पांच हजार 600 रुपये प्रति विद्यालय राशि मुहैया करायी गयी. शेष विद्यालय के लिए विभाग को राशि अब तक उपलब्ध नहीं है. प्रथम व द्वितीय चरण में कुल 304 विद्यालय में चार हजार एक सौ रुपये एलपीजी के लिए मुहैया कराया गया.
इसमें अग्निशमन यंत्र खरीद के लिए राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है. जबकि तृतीय व चतुर्थ फेज में कुल 1513 विद्यालय में पांच हजार 600 रुपये एलपीजी खरीद के लिए राशि मुहैया कराया गया है. उसमें 1500 रुपये अग्निशमन यंत्र की खरीद का भी शामिल है. 304 विद्यालय में एलपीजी उपलब्ध है. लेकिन किसी तरह की दुर्घटना होने पर उससे निबटने का साधन उपलब्ध नहीं है.
रसोई गैस कनेक्शन के लिए सरकार द्वारा जैसे-जैसे राशि उपलब्ध करायी गयी है. उसी के अनुसार सभी विद्यालयों को राशि आवंटित की गयी है. चार फेज में राशि उपलब्ध करायी गयी है. अब तक कुल 1822 विद्यालय सहित मदरसा व संस्कृत विद्यालय में एलपीजी का कनेक्शन दिया गया है. कुछ विद्यालय को अपना भवन व भूमि नहीं रहने के कारण दूसरे विद्यालय में अटैच किया गया है.
भवनहीन विद्यालय को एलपीजी कनेक्शन देने का प्रावधान नहीं है. एलपीजी कनेक्शन रहने के बाद भी लकड़ी पर खाना पकाना विभागीय आदेश के विपरीत है. शिकायत मिलने पर प्रधानों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.
चंद्र प्रकाश, एमडीएम डीपीओ
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