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सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा व बच्चा की हो गयी थी मौत

अररिया : सदर अस्पतालन में शनिवार को प्रसव के कराने के बाद चौबीस वर्षीय उजाला परवीन और नवजात की मौत के मामले को लेकर मृतका के पति मो सिजवान ने नगर थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि शहर के बुआरी बाध वार्ड नंबर सात से तीन बजे […]

अररिया : सदर अस्पतालन में शनिवार को प्रसव के कराने के बाद चौबीस वर्षीय उजाला परवीन और नवजात की मौत के मामले को लेकर मृतका के पति मो सिजवान ने नगर थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है.
दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि शहर के बुआरी बाध वार्ड नंबर सात से तीन बजे सुबह प्रसव पीड़ा से कराहती अपनी पत्नी उजाला परवीन को लेकर सदर अस्पताल आया. मेरी मां भी साथ थी. ड्यूटी पर नर्स मीनाक्षी, मनीषा कुमारी, बुलंत्ति देवी आदि तैनातज थी. लाख विनती के बाद भी ड्यूटी पर तैनात नर्स काफी देर बाद प्रसव कक्ष में प्रसव कराने मेरी पत्नी को ले गयी. फिर तीनों ने कहा और चार-पांच महिला को लेकर घर से आओ.
तब प्रसव करायेंगे. इस बीच मेरी मां से इन नर्सों ने पांच हजार रुपये की मांग की. मां ने पंद्रह सौ रुपये दे भी दिये. इसी बीच बच्चे का जन्म हो गया. तब नामजद नर्स ने शेष रुपये की मांग. मेरी मां ने कहा कि बेटा आता है रुपया दे देंगे. इस बीच नामजद नर्सों ने स्ट्रेचर से मेरी पत्नी को मारपीट कर नीचे गिरा दिया.
जच्चा और बच्चा दोनों की हालत नाजुक हो गयी. बच्चे को आइसीयू में भर्ती करना था, लेकिन आईसीयू प्रभारी नर्स शोभा कुमारी नहीं थी. आइसीयू बंद थी. ड्यूटी पर तैनात डॉ जे एन माथुर, डॉ विमल कुमार से भी गुहार लगायी, लेकिन उन्होंने भी अनसुनी कर दी.
इस बीच पत्नी उजाला परवीन की मौत हो गयी. कुछ घंटों बाद बच्चे ने भी दम तोड़ दिया. उन्होंने दावा किया है कि नर्सों और चिकित्सकों की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत हुई है.
इन लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाये. नगर थाना अध्यक्ष अतुलेश कुमार सिंह ने आवेदन के आलोक में कांड दर्ज कर लिया है. उन्होंने कहा कि अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है.
अस्पताल में तोड़-फोड़ के विरुद्ध प्रथमिकी दर्ज
अररिया.रविवार को सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान उजाला परवीन की मौत हो गयी थी. जन्म के बाद नवजात की भी मौत हो गयी थी. इससे आक्रोशित लोगों ने सदर अस्पताल में तोड़-फोड़ की थी. इसी मामले को लेकर सदर अस्पताल के अधीक्षक ने सोमवार को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें कहा गया है कि उपलब्ध संसाधन व सुविधाओं के अनुसार इलाज किया गया.
लेकिन रोगी को बचाया नहीं जा सका. रोगी के परिजनों व अज्ञात लोगों ने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ गाली-गलौज की. सरकारी कार्य में बाधा और सदर अस्पताल में तोड़फोड़ की. आवेदन के आलोक में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.

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