10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

नौ करोड़ खर्च,पर नहीं बदली गांधी मैदान की सूरत

रावणवध के बाद गांधी मैदान में हुए हादसे ने इस ऐतिहासिक मैदान के रख-रखाव में बदइंतजामी को उजागर किया है. वर्ष 2007-08 में ही गांधी मैदान के सौंदर्यीकरण को लेकर बनी कार्ययोजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है. अब भी मैदान के कई हिस्से में सौंदर्यीकरण का कार्य बाकी है. नौ करोड़ रुपये खर्च […]

रावणवध के बाद गांधी मैदान में हुए हादसे ने इस ऐतिहासिक मैदान के रख-रखाव में बदइंतजामी को उजागर किया है. वर्ष 2007-08 में ही गांधी मैदान के सौंदर्यीकरण को लेकर बनी कार्ययोजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है. अब भी मैदान के कई हिस्से में सौंदर्यीकरण का कार्य बाकी है. नौ करोड़ रुपये खर्च किये जाने के बावजूद मैदान को रावण वध में कु व्यवस्था के चलते भगदड़ का कलंक झेलना पड़ा. हादसे के बाद भी जिला प्रशासन में मैदान को दुरुस्त करने को लेकर कोई चिंता नहीं दिख रही है.

भगदड़ हुई तो खुले नाले में गिरेंगे लोग

गांधी मैदान के किनारों पर कई जगह नाला बना कर उसे खुला ही छोड़ दिया गया है. भगदड़ के दौरान कोई भी व्यक्ति आराम से गिर सकता है. रविवार तक डीएम मनीष कुमार वर्मा को इसकी जानकारी तक नहीं थी. उन्होंने कहा कि इसकी पड़ताल करायी जायेगी. गांधी मैदान के बीचों बीच जहां झंडोत्ताेलन होता है, उससे कुछ दूरी पर एक सीमेंटेड चैंबर भी खुला है, जिसे ढंका नहीं गया. इसे 26 जनवरी या 15 अगस्त को होनेवाली परेड के दौरान इस्तेमाल किया जाता है. यह चैंबर समारोह के बाद भी हमेशा ऐसे ही खुला रहता है. इस पर सीमेंटेड या मोटे लोहे का ढक्कन भी दिया जा सकता है, जिसे समय पर पड़ने पर हटा दिया जाये. उद्योग भवन से लेकर करीब फ्रेजर रोड तक सीमेंटेड नाला है, जो एक्जिबिशन रोड गेट से भी होकर आता है. उसे नहीं ढंका है.

मैदान में जगह-जगह छोटे-बड़े गड्ढे
मैदान के भीतर जगह-जगह छोटे-बड़े गड्ढे हैं. साथ ही कुव्यवस्था और गंदगी का भी आलम है. सोमवार को यहां बकरीद की नमाज होनी है. इसमें करीब 40 हजार लोग भाग लेंगे, लेकिन समारोह स्थल के ठीक सामने गड्ढे और उसमें निकले लोहे के छड़ और खुले नाले एक बार फिर हादसे को न्योता देते नजर आ रहे हैं. मैदान में कई जगह खुदे गड्ढे घास में भी छुपे हैं. कई जगह मिट्टी को लेवल नहीं किया गया था और घास उग आने से वैसे गड्ढे दिन की रोशनी में भी दिखायी नहीं दे रहे हैं. यह गड्ढे बांस-बल्ले गाड़ने की वजह से हुए. कुछ जगहों पर मिट्टी की खुदाई की गयी थी, जिस वजह से गड्ढे जैसे बन गये हैं. ये अधिक गहरे नहीं हैं, लेकिन उसमें भी पैर पड़ जाये, तो आदमी आराम से गिर सकता है.

हर तरफ गंदगी

इन सबके अतिरिक्त कुव्यवस्था भी चरम पर है. गांधी मैदान के किनारे-किनारेबाउंड्री के भीतर और बाहर काफी गंदगी है. भीतर और बाहर दोनों तरफ चारों ओर टॉयलेट की दरुगध वहां सैर करने आनेवाले लोगों को भी काफी परेशान करती है. वहां से गुजरना भी मुश्किल है. पॉलीथिन इधर-उधर फेंका रहना, तो आम बात है. जानवर घूमते रहते हैं. छोटी झाड़ीनुमा घास काफी बढ़ गयी है. लाइटें खराब पड़ी हैं और यहां शाम ढलते ही काफी अंधेरा हो जाता है. हालांकि, घटना के बाद कुछ लाइटों को बनाने का काम रविवार को चल रहा था.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel