22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नरसिंह डोप मामले की जांच CBI को सौंपी गई

नयी दिल्‍ली :भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने आज बताया कि सीबीआई ने दागी पहलवान नरसिंह यादव के डोपिंग प्रकरण की जांच शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले को जांच एजेंसी के पास भेजा था. डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उनसे आग्रह किया था […]

नयी दिल्‍ली :भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने आज बताया कि सीबीआई ने दागी पहलवान नरसिंह यादव के डोपिंग प्रकरण की जांच शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले को जांच एजेंसी के पास भेजा था. डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उनसे आग्रह किया था कि नरसिंह के मामले को आगे की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के पास भेजा जाए.

बृज भूषण ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कार्यालय ने नरसिंह के मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई के पास भेज दिया है और पता चला है कि पहलवान के डोपिंग प्रकरण में कार्रवाई शुरू हो गई है.’ खेल पंचाट ने पिछले महीने नरसिंह को ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित करने के अलावा उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया था जिससे उनका करियर खतरे में पड़ गया है. तब से डब्ल्यूएफआई इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है.

ओलंपिक खेलों की शुरुआत से लगभग 20 दिन पहले नरसिंह प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पाजीटिव पाए गए थे और पहलवान ने अपने खिलाफ षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके खाने या पीने की चीजों के साथ छेड़छाड़ की गई.

* रियो ओलंपिक में स्‍पर्द्धा से पहले पंचाट ने नरसिंह पर बैन लगाया

रियो ओलंपिक में स्‍पर्द्धा से पहले भारतीय पहलवान नरसिंह यादव को खेल पंचाट से बड़ा झटका लगा. खेल पंचाट ने नरसिंह यादव पर चार साल का प्रतिबंध लगाया है. नरसिंह यादव पर चार साल का प्रतिबंध लगाने के दौरान खेल पंचाट (कैस) ने फैसला दिया कि यह पहलवान अपने खाने पीने से छेड़छाड़ के दावे के संदर्भ में कोई भी ‘वास्तविक साक्ष्य’ देने में विफल रहा और संभावनाओं का संतुलन यह कहता है कि उसने एक से अधिक मौके पर प्रतिबंधित पदार्थ जानबूझकर टैबलेट के रूप में लिया.

अपने पूर्ण फैसले में खेल पंचाट विशेषज्ञ साक्ष्य पर निर्भर रहा कि नरसिंह का डोप अपराध एक बार प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के कारण नहीं है और पहले परीक्षण (25 जून) के नतीजे में इसका अंश इतना अधिक था कि यह मिथेनडाइनोन के एक या दो टैबलेट खाने पर ही हो सकता है और ऐसा पानी के साथ पाउडर का मिश्रण मिलाने से नहीं हो सकता.

* नाडा ने नरसिंह यादव को क्‍लीन चिट दिया था

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान नरसिंह यादव को डोपिंग प्रकरण से बरी कर दिया था और रियो ओलंपिक पहुंचे थे. नाडा ने कहा था कि यह पहलवान साजिश का शिकार हुआ और संदेह का लाभ दिये जाने का हकदार है.

पिछले कुछ दिनों से चले आ रहे संदेह को खत्म करते हुए नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने नरसिंह को बरी करने का बयान पढ़ा. अग्रवाल ने इस फैसले को पढ़ते हुए कहा, ‘‘हमने बीते समय के (दो जून तक) के नमूने को ध्यान में रखा, जिसमें उसका कोई भी नमूना पाजीटिव नहीं पाया गया था. यह बात समझ से बाहर थी कि एक बार यह प्रतिबंधित पदार्थ लेने से फायदा होगा. इसलिये पैनल का विचार था कि एक बार लिया गया पदार्थ ‘जान बूझकर’ नहीं लिया गया था. ‘

उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘पैनल ने कहा कि यह एथलीट नाडा की डोपिंग रोधी संहिता की 10.4 धारा के लाभ का हकदार है. यह ध्यान में रखते हुए कि वह साजिश का शिकार हुआ, पैनल ने नाडा के डोपिंग रोधी नियमों के आरोपों से उसे बरी कर दिया. ‘

* बैन लगने की खबर सुन बेहोश हो गये थे नरसिंह

खेल गांव से बाहर करने से हताश भारतीय पहलवान नरसिंह यादव को जब पता चला था कि खेल पंचाट ( कैस ) ने उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है तो वह बेहोश हो गये थे. भारतीय कुश्ती महासंघ ( डब्ल्यूएफआई ) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि नरसिंह तब बेहोश हो गये थे जब उन्हें स्वदेश में हुए डोपिंग मामले के कारण यहां प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया.

बृजभूषण ने कहा, ‘‘नरसिंह बेहोश हो गया था. हम केवल सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं. पूरी जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा. ‘ नरसिंह पर अब डोप का दाग लग चुका है और इस पहलवान ने कसम खायी है कि वह अपनी इस जंग को प्रधानमंत्री कार्यालय तक ले जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी तो बदनामी हुई. इससे पूरे देश पर भी काला धब्बा लग गया है. चाहे मुझे फांसी हो जाये मैं इसकी छानबीन करवाऊंगा. दिन रात एक कर दूंगा. ‘

* अभ्यास के दौरान नरसिंह ने पेय पदार्थों या खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाये जाने का लगाया था आरोप

नरसिंह ने दावा किया था कि सोनीपत में खेलों से पहले अभ्यास के दौरान उनके पेय पदार्थों या खाने में प्रतिबंधित दवा मिलायी गयी. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ( नाडा ) ने भी इस पर सहमति जतायी और उन्हें डोप के आरोपों से मुक्त करके खेलों में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी थी.

नरसिंह ने कहा, मेरी कोई गलती नहीं थी लेकिन मैं इसका शिकार बन गया. ओलंपिक पदक जीतने की मेरी पिछले चार साल की कड़ी मेहनत बेकार चली गयी.’ उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति के कारण ही ओलंपिक में भारत की पदक की संभावनाएं समाप्त हो जाती है. नरसिंह ने कहा, ‘‘यदि मुझे न्याय नहीं मिलता है तो फिर खेलों को नुकसान होगा.

* WFI का दावा, रजत पदक जीत सकता था नरसिंह

डोपिंग प्रकरण में फंसे पहलवान नरसिंह यादव का समर्थन जारी रखते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया कि अगर वह रियो ओलंपिक में 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में हिस्सा लेता तो रजत पदक जीत सकता था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें