लंदन : भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए 36वीं हीरो चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी के फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका सामना आस्ट्रेलिया से होगा. ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच मैच 3-3 से ड्रॉ रहने के बाद भारत ने खिताबी मुकाबले में जगह बनाई.
छह देशों के राउंड राबिन टूर्नामेंट की 1978 में शुरुआत के बाद भारत पहली बार फाइनल में पहुंचा है. भारत अब तक सिर्फ एक बार 1982 में एम्सटर्डम में कांस्य पदक जीत सका है. इस बार भारत अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा और उसका कम से कम रजत पदक जीतना तय है.
भारत को फाइनल में प्रवेश के लिये ब्रिटेन का शुक्रगुजार होना चाहिये जिसने दो गोल से पिछड़ने के बाद आखिरी लीग मैच में बेल्जियम को 3-3 से ड्रॉ पर रोका. इससे पहले भारत आखिरी राउंड राबिन मैच में ऑस्ट्रेलिया से 2-4 से हार गया था. ब्रिटेन और बेल्जियम का मैच ड्रा होने से दोनों राउंड राबिन लीग में भारत से पीछे रहे. इससे भारत को आज होने वाले खिताबी मुकाबले में जगह मिली. आस्ट्रेलिया पांच मैचों में 13 अंक लेकर शीर्ष पर रहा जबकि भारत के सात अंक रहे. ब्रिटेन के छह और बेल्जियम के चार अंक रहे. ब्रिटेल अब जर्मनी से कांस्य पदक का मुकाबला खेलेगा जिसने कोरिया को 7-0 से हराया. बेल्जियम पांचवें स्थान के मुकाबले में कोरिया से खेलेगा.
भारत को अंकों के आधार पर पिछड़ने के लिये ब्रिटेन को जीत की जरुरत थी जबकि बेल्जियम को तीन गोल से जीतना था. सभी तीन गोल आखिरी चरण में हुए जिससे भारतीय हाकीप्रेमियों की धड़कनें तेज हो गई. हूटर से पांच सेकंड पहले यदि ब्रिटिश टीम के शाट पर गोल हो जाता तो भी मेजबान टीम फाइनल में पहुंच जाती. भारतीय टीम अपने मैच के बाद होटल लौट गई थी और वहीं बैठकर मैच देखा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा लेकिन किस्मत ने भारत का साथ दिया और बेल्जियम ने 3-1 से बढ़त बनाने के बावजूद ड्रॉ खेला जबकि ब्रिटेन आखिरी छह मिनट बिना गोलकीपर के खेला.
बेल्जियम ने पहले ही मिनट में फ्लोरेंट वान ओबेल के गोल के दम पर बढ़त बना ली. ब्रिटेन के लिये बराबरी का गोल कप्तान बैरी मिडिलटन ने 25वें मिनट में किया. जेरोम लुइपारेट ने 30वें और 42वें मिनट में दो पेनल्टी कार्नर तब्दील करके बेल्जियम को 3-1 की बढ़त दिलाई. इसके बाद 57वें मिनट में डेविड एमेस ने ब्रिटेन के लिये दूसरा गोल दागा और 59वें मिनट में कप्तान मिडिलटन ने बराबरी का गोल किया.