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ओलंपिक खेलने के लिये पेस को छोड़ना होगा मिश्रित युगल

नयी दिल्ली : लिएंडर पेस को सातवां ओलंपिक खेलने का अपना सपना पूरा करने के लिये मिश्रित युगल खेलने का मोह छोड़ना होगा क्योंकि रोहन बोपन्ना को मनाने के प्रयास किये जा रहे हैं कि वह रियो ओलंपिक में पेस को पुरुष युगल में अपना जोड़ीदार चुन लें. बोपन्ना को एटीपी रैंकिंग में शीर्ष 10 […]

नयी दिल्ली : लिएंडर पेस को सातवां ओलंपिक खेलने का अपना सपना पूरा करने के लिये मिश्रित युगल खेलने का मोह छोड़ना होगा क्योंकि रोहन बोपन्ना को मनाने के प्रयास किये जा रहे हैं कि वह रियो ओलंपिक में पेस को पुरुष युगल में अपना जोड़ीदार चुन लें.

बोपन्ना को एटीपी रैंकिंग में शीर्ष 10 में आने के कारण पुरुष युगल में सीधे प्रवेश मिला है. उन्हें अपना जोड़ीदार चुनने की सहूलियत भी मिल गई है. बोपन्ना अगर पेस (विश्व रैंकिंग में 46) से निचली रैंकिंग वाले खिलाड़ी को जोडीदार चुनते हैं तो पेस का रिकार्ड सातवां ओलंपिक खेलने का सपना टूट जायेगा. इसके मायने होंगे कि वह रियो नहीं जा सकेंगे. उच्च रैंकिंग वाले खिलाड़ी नहीं होने से भारत पुरुष युगल में एक ही टीम उतार सकता है.

पेस को मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा के साथ खेलने का मोह छोड़ना होगा हालांकि 18 ग्रैंडस्लैम विजेता पेस ने पिछले 18 महीने में इस वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. हाल ही में पेस ने मार्तिना हिंगिस के साथ फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीता है. एआईटीए कोशिश कर रहा है कि ओलंपिक से पहले कोई विवाद पैदा नहीं हो और हर किसी को खेलने का मौका मिले. बोपन्ना ने अभी तक अपनी पसंद नहीं बताई है लेकिन समझा जाता है कि एआईटीए उन्हें पेस के साथ जोड़ी बनाने को कहेगा.

एआईटीए के एक अधिकारी ने बताया ,‘‘ समझदारी इसी में है कि देश का नंबर एक और दो खिलाड़ी एक टीम के रुप में खेले. कोई तीसरा आदमी भी ऐसे ही सोचेगा. रोहन के पास विकल्प है लेकिन यहां सवाल व्यक्ति का नहीं बल्कि देश का है. हम उम्मीद करते हैं कि वे समझदारी से काम लेंगे.” उन्होंने कहा ,‘‘ लिएंडर भी रोहन से कम नहीं है. उसकी रैंकिंग गिरी है लेकिन पिछले कुछ समय से उसके पास स्थायी जोड़ीदार नहीं रहा है. उसने फ्रेंच ओपन में अच्छा खेला. हम दखल नहीं देना चाहते लेकिन ऐसा तरीका निकालेंगे जो देश के हित में हो.”

बोपन्ना के पास भारत के पांचवें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी साकेत माइनेनी (125) का विकल्प है चूंकि उच्च रैकिंग वाले बाकी खिलाड़ी पूरव राजा (103) और दिविज शरण (114) ओलंपिक नामांकन के लिये डेविस कप के मानदंड पर खरे नहीं उतरते. यही स्थिति जीवन नेदुंचेझियान (134) और महेश भूपति (164) की है.

आईटीएफ के अधिकारी के अनुसार राष्ट्रीय संघ किसी खिलाड़ी को शामिल करने की अपील कर सकता है भले ही वह डेविस कप के मानदंड पर खरा नहीं उतरता हो. पेस को अगर रियो जाना है तो उन्हें सिर्फ पुरुष युगल से संतोष करना होगा क्योंकि इस बार सानिया अपना जोड़ीदार खुद चुनेगी और यह सभी को पता है कि पेस की तुलना में सानिया बोपन्ना के साथ अधिक सहज है. सानिया को 2012 लंदन ओलंपिक में पेस के साथ खेलना पड़ा था जबकि वह महेश भूपति के साथ खेलना चाहती थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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