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विश्व कैडेट आर्चरी चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर झारखंड लौटी कोमोलिका

-सेमीफाइनल मैच काफी टफ था, काम आयी मेरी तैयारी और मार ली मैंने बाजीरांची : विश्व कैडेट आर्चरी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में मेरा मुकाबला कोरिया की खिलाड़ी से था. यह सबसे टफ मुकाबला था. तीन सेट के मैच में मैं पिछड़ रही थी. तीसरे सेट में मैंने बराबरी की. इसके बाद टाई शॉट खेलना पड़ा. […]

-सेमीफाइनल मैच काफी टफ था, काम आयी मेरी तैयारी और मार ली मैंने बाजी
रांची :
विश्व कैडेट आर्चरी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में मेरा मुकाबला कोरिया की खिलाड़ी से था. यह सबसे टफ मुकाबला था. तीन सेट के मैच में मैं पिछड़ रही थी. तीसरे सेट में मैंने बराबरी की. इसके बाद टाई शॉट खेलना पड़ा. ये भी 9-9 की बराबरी पर रहा, लेकिन मेरे प्वाइंट अधिक हो गये और मैं फाइनल में पहुंच गयी. इस समय मेरी तैयारी काम आयी. ये बातें मंगलवार को विश्व कैडेट आर्चरी चैंपियनशिप अंडर-18 में स्वर्ण पदक जीतकर रांची लौटी कोमोलिका बारी ने कही. एयरपोर्ट पर द्रोणाचार्य अवार्डी पूर्णिमा महतो, कोच धर्मेंद्र तिवारी, रांची जिला तीरंदाजी संघ के प्रकाश राम, शिशिर महतो ने गोल्डन गर्ल कोमोलिका का स्वागत किया. इसके बाद सिल्ली आर्चरी अकादमी की अध्यक्ष नेहा महतो ने अपने घर बुलाकर कोमोलिका को सम्मानित किया.

कोच के कारण इस मुकाम तक पहुंची

कोमोलिका ने कहा कि स्पेन में परिस्थितियां अलग थी, लेकिन मेरे कोच अनिल कुमार ने मेरा हौसला बढ़ाया और कहा कि बिना टेंशन लिये खेलो. इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. सेमीफाइनल में कोरिया के खिलाड़ी के खिलाफ जीत मिलने के बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया था. फाइनल में जापान के खिलाफ कभी भी पीछे नहीं रही. इस जीत में सबसे अधिक योगदान मेरे पिता घनश्याम बारी का है, जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

अब तीरंदाजी का लेवल बढ़ चुका है : कोमोलिका

कोमोलिका ने बताया कि अब विश्व तीरंदाजी का लेवल अब बढ़ चुका है. कोरियाइ खिलाड़ी के नाम से पहले हम सभी को झिझक होती थी. लेकिन अगर हम कोशिश करें, तो बेहतर कर सकते हैं. टाटा आर्चरी अकादमी में रिकर्व की बारीकियां मेरे कोच और इस चैंपियनशिप की पूर्व चैंपियन दीपिका ने मुझे सिखाया. उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा और रिकर्व में मेरा आत्मविश्वास बढ़ा. मुझे अब और मेहनत करना है और ओलिंपिक में देश के लिए पदक जीतना है.

नहीं पहुंचा खेल विभाग का कोई अधिकारी

स्वर्ण पदक जीतकर कोमोलिका ने पूरे देश के साथ झारखंड का नाम भी रोशन किया है. लेकिन झारखंड के खेल विभाग को इससे कोई मतलब नहीं है. एयरपोर्ट पर कोमोलिका का स्वागत करने विभाग से अधिकारी तो दूर, कोई कर्मचारी तक नहीं पहुंचा.

कल ग्रेजुएट कॉलेज में होंगी सम्मानित
कोमोलिका जमशेदपुर के ग्रेजुएट कॉलेज की इंटरमीडिएट द्वितीय वर्ष की छात्रा है. कोमोलिका को मिली जीत पर महाविद्यालय परिवार काफी गौरवान्वित है. कॉलेज प्रबंधन ने 29 अगस्त को फिट इंडिया अभियान के तहत कॉलेज में होनेवाले कार्यक्रम में कोमोलिका को सम्मानित करने का निर्णय लिया है.

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