गोल्ड कोस्ट : मौजूदा राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय भारोत्तोलक विकास ठाकुर की यहां से भारत वापसी के दिन संदेह के आधार पर तलाशी ली गयी और डोप टेस्ट किया गया. संदेह का कारण स्पष्ट नहीं किया गया. ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में पुरूषों के 94 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतने वाला यह खिलाड़ी 11 अप्रैल को अपनी टीम के साथ देश के लिए रवाना होने वाला था.
वह रवाना हुए लेकिन उससे पहले अस्पष्ट संदेह के आधार पर राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने आखिरी क्षण में उनकी जांच की. टीम के महाप्रबंधक नामदेव शिरगांवकर ने ताजा नीडल विवाद को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए यह खुलासा किया. उन्होंने कहा, ‘उन्होंने तीन खिलाड़ियों को लेकर जाने का अनुरोध किया था, एक और खिलाड़ी, विकास ठाकुर को बुलाया गया.’
उन्होंने कहा कि हम उन्हें चिकित्सा आयोग के पास ले गये. ठाकुर के बैग की तलाशी ली गयी. उनका डोप टेस्ट किया गया. उन्होंने चिकित्सा आयोग के सभी सवालों के जवाब दिये, उनके बैग में कुछ नहीं पाया गया और वह डोप टेस्ट में पाक साफ निकले.’
शिरगांवकर ने कहा, ‘वह घर के लिए निकल रहे थे लेकिन बदकिस्मती से हमें बताया गया कि उन्हें चिकित्सा आयोग के पास लेकर जाना चाहिए. उसके बाद उन्हें मंजूरी दे दी गयी और वे लौट गये.’ ठाकुर का डोपिंग से जुड़ा कोई इतिहास नहीं है.