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विराट कोहली का खुलासा, इस दौरे की असफलता ने तोड़ दिया था हौसला, फिर ऐसे की वापसी

Virat Kohli: विराट कोहली ने चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत में बड़ा अहम रोल निभाया. पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाकर उन्होंने अकेले भारतीय टीम की नैया पार लगाई. लेकिन हाल ही में उन्होंने खुलासा किया जब एक दौरे ने उनके हौसले को हिला दिया था. Virat Kohli Disappointment.

Virat Kohli: क्रिकेट की दुनिया में बड़े खिलाड़ियों से बड़ी उम्मीदें हमेशा रहती हैं. लेकिन फॉर्म हमेशा नहीं रहता. खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से कभी शीर्ष पर कभी फर्श पर आ जाते हैं. ऐसा ही कुछ विराट कोहली के साथ हुआ. चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले विराट पिछले कुछ समय अपने बल्ले के कारण आलोचनाओं का शिकार बने थे. हाल ही में उन्होंने अपने कैरियर के सबसे बुरे दौर के बारे में याद किया. 

विराट कोहली (Virat Kohli) ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के दौरे को अपने करियर की सबसे निराशाजनक श्रृंखलाओं में से एक बताया है. उन्होंने इसकी तुलना 2014 के इंग्लैंड दौरे से की, जब वे 10 पारियों में एक भी अर्धशतक बनाने में असफल रहे थे. भारत को इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 से हार का सामना करना पड़ा. 22 नवंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक खेली गई इस सीरीज में विराट ने 5 टेस्ट मैचों में केवल 190 रन बना सके. Virat Kohli Disappointment after Australia Series.

श्रृंखला का प्रदर्शन और कठिनाई

कोहली ने इस श्रृंखला की मजबूत शुरुआत पर्थ टेस्ट में नाबाद शतक के साथ की थी, लेकिन इसके बाद उनका फॉर्म गिरता गया. ऑफ स्टंप के बाहर कमजोरियों से जूझते हुए उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ. अपने इसी प्रदर्शन पर बात करते हुए आरसीबी इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट में कोहली ने कहा, “अगर आप मुझसे पूछें कि मैं कितना निराश हुआ हूं, तो हाल ही में ऑस्ट्रेलिया का दौरा सबसे ताजा होगा. इसलिए यह मेरे लिए सबसे ज्यादा तनावपूर्ण हो सकता है. लंबे समय तक, 2014 में इंग्लैंड का दौरा मुझे सबसे ज्यादा परेशान करता रहा. लेकिन मैं इसे उस तरह से नहीं देख सकता. हो सकता है कि मैं चार साल में फिर से ऑस्ट्रेलिया का दौरा न कर पाऊं. मुझे नहीं पता. आपको अपने जीवन में जो कुछ भी हुआ है, उसके साथ शांति बनानी होगी.”

प्रदर्शन का दबाव

कोहली ने माना कि असफलताओं ने उन्हें हर पारी के साथ अपनी गलतियों को सुधारने के लिए बेताब कर दिया. उन्होंने इस दबाव के बारे में कहा, “एक बार जब आप बाहर से ऊर्जा और निराशा को लेना शुरू कर देते हैं, तो आप खुद पर और अधिक बोझ डालना शुरू कर देते हैं. फिर आप सोचने लगते हैं कि मेरे पास इस दौरे पर दो या तीन दिन बचे हैं, मुझे अब प्रभाव डालने की जरूरत है. तब आप और अधिक बेताब होने लगते हैं और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैंने यही महसूस किया.”

स्वीकार करने का महत्व

कोहली ने महसूस किया कि असफलताओं को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, “मैंने पहले टेस्ट में अच्छा स्कोर किया था और सोचा था कि मेरे लिए एक और बड़ी सीरीज होने जा रही है. ऐसा नहीं हुआ. मेरे लिए यह इस बात को स्वीकार करने के बारे में है कि ठीक है, ऐसा ही हुआ. मैं खुद के साथ ईमानदार रहने जा रहा हूँ. मैं यहाँ 48 घंटे या 72 घंटे में बैठकर ‘मुझे जाने दो’ जैसा निर्णय नहीं लेने वाला हूँ. परिवार के साथ समय बिताऊँगा, शांत रहूँगा और देखूँगा कि कुछ दिनों में मैं कैसा महसूस करता हूँ. पाँच-छह दिनों के भीतर मैं जिम जाने के लिए उत्साहित था. मैं ऐसा था, ठीक है. सब ठीक है. मुझे अभी कुछ भी ट्वीट करने की जरूरत नहीं है.”

खेल के प्रति समर्पण और प्यार

कोहली ने यह भी स्पष्ट किया कि वह खेल को सिर्फ उपलब्धि के लिए नहीं खेलते, बल्कि खेल के प्रति सच्चे प्रेम के कारण खेलते हैं. उन्होंने कहा, “मैं खेल को उपलब्धि के लिए नहीं खेलता हूँ. यह काफी हद तक सिर्फ खेल के प्रति शुद्ध आनंद और प्यार पर निर्भर करता है. और जब तक यह प्यार बरकरार है, मैं खेल खेलना जारी रखूंगा. मुझे खुद के साथ इस बारे में ईमानदार होना होगा. क्योंकि प्रतिस्पर्धी प्रवृत्ति आपको जवाब खोजने की अनुमति नहीं देती है.”

भविष्य को लेकर कोहली की सोच

कोहली ने अपने भविष्य को लेकर स्पष्ट किया कि वे अभी खेल से संन्यास लेने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, “मेरी प्रतिस्पर्धी प्रवृत्ति मुझे इसे स्वीकार करने की अनुमति नहीं देगी. शायद एक और. शायद छह और महीने, जो भी हो. मुझे लगता है कि यह एक अच्छा संतुलन है. और आपको बस प्रार्थना करनी है और उम्मीद करनी है कि जब यह आए तो आपको स्पष्टता मिले. अपने जीवन के इस मोड़ पर, मैं बहुत खुश महसूस करता हूं. मुझे अभी भी खेल खेलना पसंद है. घबराइए नहीं, मैं कोई घोषणा नहीं कर रहा हूं, अभी तक सब कुछ ठीक है.”

हालांकि विराट ने बुरे दौर को पीछे छोड़ते हुए भारत को चैंपियंस ट्रॉफी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाकर अकेले अंत तक भारत को लीड किया. अब आईपीएल का सीजन आ गया है. IPL की शुरुआत से अपनी एकमात्र टीम Royal Challengers Bengaluru के लिए खेल रहे विराट एकबार फिर जलवा दिखाने के लिए बेताब हैं. आरसीबी ने अपनी टीम में अब तक कई सितारे जोड़े, लेकिन ट्रॉफी को लेकर उसका झोला अब तक खाली है. देखना है कि इस बार कप्तानी में बदलाव करने से क्या उसकी किस्मत खुलेगी.  

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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