ICC to implement New Rules in Cricket: इंटरनेशनल क्रिकेट में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) कुछ बड़े बदलावों को लागू करने जा रहा है. अगले महीने से आईसीसी नए प्लेइंग कंडीशंस को लागू करने जा रही है, जिसमें वनडे में दोबारा एक गेंद के इस्तेमाल की वापसी भी शामिल है. सदस्यों को भेजे एक संदेश में ICC ने बताया कि संशोधित प्लेइंग कंडीशंस जून से टेस्ट मैचों में और जुलाई से अंतरराष्ट्रीय वाइट बॉल मैचों में तुरंत प्रभाव से लागू होंगे. कंकशन रिप्लेसमेंट नियमों में बदलाव होंगे, इसके अलावा बाउंड्री लाइन कैच और DRS से जुड़े क्लॉज में भी हल्के बदलाव किए जाएंगे.
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के मुताबिक संभावित बदलाव का खास महत्व का फैसला है कि वनडे में दूसरी गेंद को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा. इस समय एकदिवसीय प्रारूप के 50 ओवर के मैच में हर पारी में दो नई गेंदों का इस्तेमाल होता है. संशोधित प्लेइंग कंडीशंस के अनुसार, शुरुआत में दो गेंदों का उपयोग किया जाएगा लेकिन मैच का अंत एक ही गेंद से होगा. ICC ने सभी बोर्ड्स को संदेश भेजा है, जिसमें सदस्यों को बताया, “ओवर 1 से 34 तक दो नई गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा. 34वां ओवर समाप्त होने के बाद और 35वें ओवर की शुरुआत से पहले, फील्डिंग टीम दोनों में से एक गेंद को चुनेगी जो ओवर 35 से 50 तक दोनों छोर से उपयोग की जाएगी (जब तक उसे बदलने की आवश्यकता न हो).” इसके साथ ही, “अगर मैच की पहली पारी शुरू होने से पहले उसे 25 ओवर या उससे कम का कर दिया जाता है, तो हर टीम को अपनी पारी के लिए केवल एक नई गेंद दी जाएगी.”
ICC ने कहा कि कुछ मौजूदा प्लेइंग कंडीशंस में कोई बदलाव नहीं किया गया है और उन्हें विस्तार से बताया गया है. जैसे- “किसी भी समय गेंद को बदलने की स्थिति में वही गेंद दी जाएगी जो बदली जाने वाली गेंद की स्थिति के समान हो. ध्यान दें कि जो गेंद ओवर 35 से 50 तक उपयोग नहीं की जाएगी, उसे रिप्लेसमेंट बॉल के स्टॉक में शामिल कर दिया जाएगा.”
चोटिल खिलाड़ियों के बदलाव पर नए नियम
इसके साथ ही कंकशन नियमों में भी कुछ बदलाव होंगे. अब टीमों को मैच शुरू होने से पहले मैच रेफरी को पांच कंकशन रिप्लेसमेंट खिलाड़ियों के नाम देने होंगे. इनमें एक विकेटकीपर, एक बल्लेबाज, एक तेज गेंदबाज, एक स्पिनर और एक ऑलराउंडर शामिल होंगे. ICC ने कहा, “अगर किसी दुर्लभ परिस्थिति में कोई रिप्लेसमेंट खिलाड़ी भी कंकशन का शिकार होता है और उसे भी बदला जाना जरूरी हो, तो मैच रेफरी उस स्थिति को संभालेंगे और पांच नामित रिप्लेसमेंट खिलाड़ियों के बाहर से किसी को चुनने की अनुमति देंगे. इस स्थिति में पहले से लागू ‘लाइक-फॉर-लाइक’ नियम लागू रहेंगे.”
आईसीसी आने वाले समय में बाउंड्री लाइन कैच और डीआरएस प्रोटोकॉल में भी बदलाव की सोच रहा है. अपने सदस्यों को उसने बताया है कि इससे जुड़े नियमों में बदलाव की जानकारी बाद में दी जाएगी.
आईसीसी ने कहा कि मौजूदा नियम 11 जून से लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच शुरू होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में लागू रहेंगे. नए प्लेइंग कंडीशंस अगले WTC चक्र से लागू होंगे. यानी ये नियम 17 जून से गॉल में श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच शुरू होने वाले पहले टेस्ट से प्रभावी होंगे और भारत-इंग्लैंड सीरीज में भी इन बदले हुए नियमों का असर पड़ेगा.
वहीं वाइट बॉल क्रिकेट के बदलाव भी श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच सीरीज से लागू होंगे. वनडे प्लेइंग कंडीशंस 2 जुलाई को कोलंबो में शुरू होने वाले पहले वनडे से प्रभावी होंगे और T20I में ये बदलाव 10 जुलाई से लागू होंगे.
पहले ऐसा माना जा रहा था कि इन प्रस्तावित बदलावों को एक वर्किंग ग्रुप के पास भेजा जाएगा, लेकिन अब यह स्पष्ट हुआ है कि आईसीसी की चीफ एग्जीक्यूटिव्स कमेटी (CEC) ने इन बदलावों को मंजूरी दे दी है. हालांकि यह वर्किंग ग्रुप अभी बनना बाकी है. इस वर्किंग ग्रुप की जिम्मेदारी होगी, वह यह तय करेगा कि अंडर-19 वर्ल्ड कप को T20, 50 ओवर या हाइब्रिड फॉर्मेट में खेला जाए. यह वर्किंग ग्रुप जुलाई 17-20 को सिंगापुर में होने वाले वार्षिक सम्मेलन से पहले गठित किया जाएगा.
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