Asia Cup 2025- Irfan Pathan on India vs UAE: एशिया कप 2025 टूर्नामेंट का शुभारंभ मंगलवार को अफगानिस्तान और हांगकांग के बीच शानदार मुकाबले से हो गया है. अब भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए खुश होने का समय है. बुधवार, 10 सितंबर से भारत इस टूर्नामेंट में अपने अभियान का आगाज कर रहा है. यूएई के खिलाफ सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में टीम इंडिया अपना रौद्र रूप दिखाने उतरेगी, जैसा कि सूर्या ने टूर्नामेंट से पहले ही आक्रामकता के बारे में बात की. हालांकि इससे पहले ही इरफान पठान ने एक चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि शबनम (ओस) आ रही है और एक बार वह जाती है, तो फिर उसे वापस भेजना बड़ा मुश्किल है.
इरफान पठान ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात रखते हुए कहा, मार्च में भारत ने यूएई में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. उस समय पिच ड्राई थी और मौसम बहुत अनुकूल, लगभग 29 से 32 डिग्री के बीच, जिसे खिलाड़ियों ने आसानी से भुनाया. लेकिन अब सितंबर आते-आते परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं. मौसम बहुत गर्म हो गया है, लगभग 39 से 42 डिग्री तक, और फॉर्मेट भी टी20 के अनुसार बदल गया है. ऐसे में भारतीय टीम को नई परिस्थितियों के हिसाब से अपनी रणनीति तैयार करनी होगी.
टॉस जीतने वाली टीम को होगा फायदा
उन्होंने आगे कहा, यूएई के मैदानों की तुलना करें तो अबू धाबी का मैदान खुला है और हवा चलती रहती है, जिससे शबनम की समस्या कम रहती है. वहीं, दुबई का मैदान अधिक बंद है और वहाँ शबनम की परेशानी अधिक होती है. पिछले टूर्नामेंट्स में दुबई में गेंदबाजी करना आसान नहीं रहा है. ऐसे में टॉस का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी कर सकती है और स्कोर का पीछा करते समय फायदा उठा सकती है.
ग्राउंड्समैन करेंगे ढेरों कोशिश
इरफान ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा, ग्राउंड्समैन अब पिच पर घास डालने की कोशिश करेंगे ताकि गेंद का अच्छा कैरी हो और हाई स्कोरिंग मैच देखने को मिलें. भारतीय टीम के लिए टॉस जीतना बहुत फायदेमंद होगा, लेकिन अगर टॉस हार गई तो रणनीति बदलनी पड़ेगी. गौतम गंभीर के अनुभव और रणनीति के चलते टीम को मुश्किल परिस्थितियों में भी संतुलित प्रदर्शन करने की उम्मीद है. गंभीर ने कप्तानी और कोचिंग दोनों में सफलता हासिल की है, इसलिए उनकी रणनीति टी20 में कारगर साबित हो सकती है.
यॉर्कर डालना मुश्किल हो जाएगा
शबनम के आने से होने वाली परेशानी पर इरफान ने कहा, टी20 में खासकर अंतिम ओवर्स में गेंदबाजों को यॉर्कर डालना कठिन हो जाता है, खासकर जब पिच गीली हो या शबनम हो. गीली गेंद हाथ में ठीक से नहीं आती और यॉर्कर की लंबाई प्रभावित होती है, जिससे बल्लेबाजों को फायदा होता है. ऐसे में भारतीय टीम बाउंसर और हार्ड लेंथ का इस्तेमाल कर सकती है और प्लान को इस तरह से तैयार करेगी कि गेंदबाजों का दबाव बना रहे.
एक बार आ गई तो उसे वापस भेजना मुश्किल
इरफान ने कहा कि बदलती परिस्थितियों का असर मैच के परिणाम पर सीधे पड़ता है. टीम इंडिया की मजबूती यह है कि वे मुश्किल परिस्थितियों में भी सही रणनीति अपनाना जानते हैं. अगर भारतीय टीम अधिक से अधिक टॉस जीते तो फायदा बढ़ेगा. शबनम और दुबई जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए मैदान पर कई उपाय किए जाते हैं, लेकिन एक बार शबनम आ जाए तो उसे पूरी तरह हटाना मुश्किल होता है. ऐसे में टीम की तैयारी और रणनीति ही निर्णायक साबित होगी.
हालांकि भारत का दुबई के मैदान पर रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है. टीम इंडिया ने यूएई के खिलाफ एक मैच खेला है और उसमें उसने शानदार जीत दर्ज की थी. लेकिन भारत का असली मुकाबला अपने ग्रुप की दूसरी ताकतवर और हमेशा से प्रतिद्वंद्वी रही टीम पाकिस्तान से होगा. यह मैच 14 सितंबर को इसी मैदान पर होगा. इसके बाद 19 सितंबरो को भारत को ओमान से भिड़ना है. भारत के सभी मैच रात को 8 बजे से शुरू होंगे और इसे आप सोनी के टीवी चैनल और ऑनलाइन सोनी लिव ऐप पर देख सकते हैं.
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