नयी दिल्ली : रोमांचक मुकाबले में दिल्ली डेयरडेविल्स को एक रन से हराने के बाद गुजरात लायंस के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने कहा कि उनके गेंदबाजों को ओस के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि गेंद को ग्रिप करने में काफी दिक्कत हो रही थी.
ब्रैंडन मैकुलम (60) और ड्वेन स्मिथ (53) ने तूफानी अर्धशतक जड़ने के अलावा पहले विकेट के लिए 10 . 4 ओवर में 112 रन की साझेदारी भी की जिससे लायंस ने छह विकेट पर 172 रन बनाये. दिल्ली की टीम इसके जवाब में कुलकर्णी (19 रन पर तीन विकेट) की तूफानी गेंदों के सामने क्रिस मौरिस (32 गेंद में नाबाद 82) के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी के बावजूद पांच विकेट पर 171 रन ही बना सकी. प्रवीण ने भी बेहद किफायती गेंदबाजी करते हुए चार ओवर में सिर्फ 13 रन दिए. कुलकर्णी और प्रवीण ने आठ ओवर में मिलकर सिर्फ 32 रन दिए लेकिन बाकी गेंदबाजों ने 12 ओवर में 139 रन खर्च कर डाले जिसमें स्पिनर विशेष रूप से महंगे साबित हुए.
प्रवीण ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘ओस काफी ज्यादा थी जिससे स्पिन गेंदबाजों को गेंद को ग्रिप करने में परेशानी हो रही थी. इसके अलावा पिच से स्पिन भी नहीं मिल रही थी. तेज गेंदबाज अच्छा कर रहे थे इसलिए उनसे ही अधिक ओवर कराए गये”.
कप्तान सुरेश रैना ने रविंद्र जडेजा और प्रवीण तांबे जैसे मुख्य स्पिनरों से सिर्फ एक एक ओवर कराया जबकि खुद दो ओवर किए और इन दोनों ने पहले गेंदबाजी के लिए आए, इस बारे में पूछने पर प्रवीण ने कहा, ‘‘रैना ने जब गेंदबाजी की तब क्रीज पर दो बायें हाथ के बल्लेबाज थे, संभवत: इसलिए उसने पहले खुद गेंदबाजी करने का फैसला किया क्योंकि वह आफ स्पिन गेंदबाजी करता है. यह उसका फैसला था।” दिल्ली को जब अंतिम दो ओवर में जीत के लिए 18 रन चाहिए थे तब प्रवीण ने 19वें ओवर में सिर्फ चार रन दिए और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
पारी के 19वें ओवर में दबाव में गेंदबाजी के बारे में पूछने पर इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘मैंने फैसला किया था कि अपने मजबूत पक्ष के हिसाब से गेंदबाजी करुंगा। मैं अच्छी यार्कर फेंक रहा था और मैंने यार्कर ही कराने का फैसला किया. छोटी और लंबी गेंद पर छक्का पड़ने की भी संभावना रहती है लेकिन 90 प्रतिशत यार्कर पर एक रन ही बनता है इसलिए मैंने यार्कर करने का फैसला किया जो सही साबित हुआ.” आईपीएल के जरिये टीम इंडिया में वापसी पर प्रवीण ने कहा, ‘‘मैं सभी मैचों को एक ही नजरिये से देखता हूं फिर चाहे यह कोई भी मैच हो. मैं सामान्य रहता हूं और टीम के लिए प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं. मैं प्रयास करता हूं कि टीम की जीत में योगदान दे सकूं. टीम में वापसी का ख्याल मेरे दिमाग में नहीं होता.”