नयी दिल्ली : आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में बीसीसीआई ने मुद्गल समिति के निष्कर्षों को खारिज करते हुए कहा कि उसने खिलाड़ी को फटकार लगायी थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कदाचार के मामले में एक खिलाड़ी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी.
शीर्ष क्रिकेट निकाय की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि रिपोर्ट का विश्लेषण करने के लिए 18 नवंबर को बीसीसीआई कार्य समिति की बैठक हुई थी और यह समझा गया है कि यह घटना एक विदेश दौरे की है जिसमें रंजीत बिस्वाल टीम मैनेजर थे.
हलफनामे में कहा गया है कि बैठक में बिस्वाल ने बताया कि घटना व्यक्ति 3 (खिलाडी) द्वारा खिलाडि़यों की आचार संहिता के उल्लंघन (प्लेयर्स कोड ऑफ कंडक्ट) की है और इस संबंध में बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष शशांक मनोहर को सूचित कर दिया गया था.
बीसीसीआई ने कहा कि खिलाड़ी द्वारा किये गये उल्लंघन की प्रकृति मामूली थी और खिलाड़ी को मौखिक रूप से फटकार लगायी गयी थी.बीसीसीआई के हलफनामे के साथ बिस्वाल ने पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताते हुए दूसरा हलफनामा भी दायर किया. पूरी रिपोर्ट में खिलाडी का नाम नहीं लिया गया है.
मुद्गल समिति ने अपनी रिपोर्ट 17 नवंबर को सौंपी जिसमें कहा गया है कि एन श्रीनिवासन तथा बीसीसीआई के चार अन्य अधिकारियों को खिलाड़ी द्वारा खिलाडि़यों की आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने की जानकारी थी लेकिन उनमें से किसी ने भी कोई कार्रवाई नहीं की.