सिडनी : तेजी से उभरते हुए ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन भारत के खिलाफ अपने कौशल को आजमाने के लिए उत्सुक हैं और उनका मानना है कि क्रिकेट की दुनिया में भारत का दौरा करना सबसे मुश्किल है.
पच्चीस साल के लाबुशेन के लिए ऑस्ट्रेलियाई घरेलू सत्र शानदार रहा जिसमें उन्होंने पांच मैचों में चार शतक जमाए। इसमें हाल में संपन्न तीसरे टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगाया दोहरा शतक भी शामिल है.
लाबुशेन को भारत के खिलाफ मुंबई में 14 जनवरी से शुरू हो रही तीन मैचों की एकदिवसीय शृंखला के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह दी गई है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट पर लाबुशेन के हवाले से कहा गया, जब आप भारत से खेलते हो तो यह कड़ी शृंखला होती है क्योंकि वे काफी मजबूत विरोधी हैं.
नके पास बेहतरीन बल्लेबाज और गेंदबाज हैं इसलिए यह चुनौती होगी. उन्होंने कहा, लेकिन एक खिलाड़ी के रूप में आप हमेशा खुद को सबसे मुश्किल हालात में सर्वश्रेष्ठ विरोधी के खिलाफ परखना चाहेंगे और भारत के खिलाफ भारत में खेलने से कड़ा कुछ नहीं है.
सिर्फ 14 टेस्ट खेलने वाले लाबुशेन के आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भारत के विराट कोहली और ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ के बाद तीसरे स्थान पर काबिज होने की उम्मीद है. लाबुशेन की तुलना आधुनिक पीढ़ी के महान खिलाड़ियों से हो रही है लेकिन उन्होंने इसे अधिक तवज्जो नहीं दी.
उन्होंने कहा, लोगों का इस तरह की बातें करना शानदार है लेकिन इस तरह की किसी बात से पहले काफी अधिक काम किए जाने की जरूरत है. लाबुशेन ने कहा, केन विलियमसन, विराट कोहली, स्टीव स्मिथ – ये खिलाड़ी पांच, छह, सात साल से ऐसा कर रहे हैं.
एक अच्छा सत्र होने का मतलब यह नहीं है कि आप महान खिलाड़ी हैं. इसलिए मेरा ध्यान अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने और ऑस्ट्रेलिया को मैच जिताने में मदद करने का प्रयास करने पर है. लाबुशेन ने कहा कि भारत के दौरे पर जाने से पहले स्पिनरों के अनुकूल सिडनी के हालात में खेलना तैयारी के लिहाज से अच्छा रहा.