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INDvSL : दांबुला में गरजा धवन का बल्ला, भारत ने श्रीलंका को 9 विकेट से रौंदा

दांबुला : बेहतरीन फार्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के नाबाद शतक और कप्तान विराट कोहली के साथ उनकी अटूट शतकीय साझेदारी की मदद से भारत ने आज यहां फिर से श्रीलंकाई टीम की धज्जियां उड़ाकर पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 127 गेंद शेष रहते हुए नौ विकेट से बड़ी जीत दर्ज […]

दांबुला : बेहतरीन फार्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के नाबाद शतक और कप्तान विराट कोहली के साथ उनकी अटूट शतकीय साझेदारी की मदद से भारत ने आज यहां फिर से श्रीलंकाई टीम की धज्जियां उड़ाकर पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 127 गेंद शेष रहते हुए नौ विकेट से बड़ी जीत दर्ज की.

टेस्ट श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप करने के वाली भारतीय टीम के सामने 217 रन का आसान लक्ष्य था और ऐसे में धवन ने श्रीलंकाई गेंदबाजों को सबक सिखाने का अपना अभियान बरकरार रखा. टेस्ट श्रृंखला में दो शतक जड़ने वाले बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने 90 गेंदों पर 20 चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 132 रन बनाये.

कप्तान विराट कोहली (70 गेंदों पर नाबाद 82, दस चौके, एक छक्का) ने उनका अच्छा साथ दिया. इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिये रिकार्ड 197 रन की साझेदारी की जिससे भारत ने केवल 28.5 ओवर में 220 रन बनाकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बनायी. टास गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे श्रीलंका मैच में केवल कुछ समय के लिये अच्छी स्थिति में दिखा.

निरोशन डिकवेला (65) और धनुष्का गुणतिलका (35) ने पहले विकेट के लिये 74 रन जोड़कर उसे अच्छी शुरुआत दिलायी. इसके बाद डिकवेला ने कुसाल मेंडिस (36) के साथ भी दूसरे विकेट के लिये 65 रन जोड़े लेकिन इस सलामी बल्लेबाज के आउट होने के बाद श्रीलंका की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी. उसने 77 रन के अंदर नौ विकेट गंवाये और पूरी टीम 43.2 ओवर में 216 रन पर सिमट गयी.

पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज 36 रन बनाकर नाबाद रहे। पिछले साल अक्तूबर के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल ने दस ओवर में 34 रन देकर तीन विकेट लिये जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है. कामचलाउ स्पिनर केदार जाधव (26 रन देकर दो विकेट) ने फिर से महत्वपूर्ण मौके पर सफलता दिलायी जबकि जसप्रीत बुमराह (22 रन देकर दो विकेट) ने फिर से प्रभाव छोड़ा.

लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 60 रन देकर दो विकेट झटके. श्रीलंकाई क्रिकेट प्रेमी बड़ी संख्या में स्टेडियम में पहुंचे थे. उन्हें रोमांचक मैच की उम्मीद थी लेकिन टेस्ट श्रृंखला के तीनों मैच गंवाने वाली श्रीलंकाई टीम के बल्लेबाजों ने उन्हें फिर से निराश किया. भारतीय बल्लेबाजों ने हालांकि अपने कौशल से उन्हें जरुर रोमांचित किया.

धवन और कोहली के शानदार संयोजन से भारत ने 127 गेंद शेष रहते हुए जीत दर्ज की. भारत ने 200 से अधिक का लक्ष्य सबसे कम गेंदों पर हासिल करके अपना नया रिकार्ड बनाया. यही नहीं इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिये 197 रन जोड़े जो श्रीलंका के खिलाफ नया रिकार्ड है. इससे पहले महेंद्र सिंह धौनी और गौतम गंभीर ने 2009 में कोलंबो में 188 रन की साझेदारी की थी.

धवन शुरू से ही गेंदबाजों पर हावी होने के मूड में थे. लसिथ मलिंगा पर कवर ड्राइव से जमाये गये उनके दो खूबसूरत चौके इसके सबूत हैं लेकिन उनके साथी रोहित शर्मा (चार) का भाग्य ने साथ नहीं दिया और बल्ला हाथ से छूट जाने के कारण वह दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हो गये. श्रीलंका को इसका खास फायदा नहीं मिला क्योंकि कोहली ने धवन के साथ अपने सदाबहार अंदाज में पारी आगे बढ़ायी.

धवन ने लक्षण संदाकन पर मिडविकेट पर छक्का जड़कर केवल 36 गेंदों पर अपना पचासा पूरा किया और फिर मलिंगा की गेंद भी लांग लेग पर छह रन के लिये भेजी. इसके बाद भी पारी धवन के ईद गिर्द घूमती रही और कोहली उसका लुत्फ उठाते रहे. धवन ने जब 50 रन पर पहुंचे तब कोहली 28 रन पर खेल रहे थे लेकिन यह सलामी बल्लेबाज अपने कप्तान के अर्धशतक पूरा करने से पहले शतक तक पहुंच गया था.

धवन जब 87 रन पर थे तब उन्हें जीवनदान मिला और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाकर लेग स्पिनर वानिंदु डिसिल्वा के अगले ओवर में तीन चौके लगाकर अपना 11वां शतक पूरा कर दिया. इसके लिये उन्होंने 71 गेंदें खेली और इस तरह से भारत की तरफ से श्रीलंका के खिलाफ दूसरा सबसे तेज शतक लगाया. रिकार्ड वीरेंद्र सहवाग के नाम पर है जिन्होंने 2009 में राजकोट में 66 गेंदों पर सैकड़ा पूरा किया था. धवन का यह करियर का सबसे तेज शतक भी है.

कोहली ने अगले ओवर में अपना 44वां वनडे अर्धशतक पूरा किया जिसके लिये उन्होंने 50 गेंदें खेली. धवन का 118 रन के निजी योग पर फिर से कैच छूटा लेकिन इस बार इसका जश्न कोहली ने अगले ओवर में संदाकन पर दो चौके और एक छक्का जड़कर मनाया. धवन ने डिसिल्वा ने पर विजयी चौका लगाया.

इससे पहले कोहली ने दौरे में लगातार चौथी बार टास जीता और पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया. डिकवेला और गुणतिलका ने शुरू में सतर्कता दिखायी लेकिन बाद में कुछ अच्छे शाट जमाये. पहले दस ओवर के बाद स्कोर बिना किसी नुकसान के 55 रन था. इसके बाद डिकवेला ने 65 गेंदों पर अपना पांचवां वनडे अर्धशतक पूरा किया. जाधव के गेंद संभालने के बाद विकेटों का पतन शुरु हुआ लेकिन भारत को पहली सफलता चहल ने दिलायी.

गुणतिलका उनकी गेंद को रिवर्स स्वीप करके एक्स्ट्रा कवर पर आसान कैच दे बैठे. इसी ओवर में डिकवेला रन आउट होने से बचे. मेंडिस और डिकवेला ने इसके बाद स्पिनरों को निशाना बनाने की रणनीति अपनायी. ये दोनों ही स्कोर को 139 रन तक ले गये. जाधव ने इस स्कोर पर डिकवेला को पगबाधा आउट किया. बल्लेबाज ने डीआरएस का भी सहारा लिया लेकिन इससे भी उनका काम नहीं बना.

श्रीलंका तब भी 280 रन के स्कोर तक पहुंचने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन भारतीय स्पिनरों ने न सिर्फ रनों पर अंकुश लगाया बल्कि इस बीच विकेट भी निकाले. कप्तान उपुल थरंगा (13) ने ऐसे मौके पर जाधव की फुलटास पर गलत शाट खेलकर लांग आन पर कैच दिया. अगले ओवर में कोहली ने चपलता दिखाकर एक्स्ट्रा कवर से सीधी हिट पर चमारा कापुगेदारा (एक) को रन आउट कर दिया.

बुमराह ने खूबसूरत यार्कर पर ऑलराउंडर तिसारा परेरा को बोल्ड करके उन्हें खाता भी नहीं खोलने दिया जिससे श्रीलंका की चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने की उम्मीदें भी समाप्त हो गयी. मैथ्यूज ने एक छोर संभाले रखा लेकिन पटेल ने दूसरे छोर से वाहिंदा हसरंगा (दो) और लक्षण संदाकन (पांच) को पवेलियन भेज दिया. मलिंगा (आठ) ने मैथ्यूज के साथ नौवें विकेट के लिये 22 रन जोड़े. मलिंगा ने आक्रामक तेवर अपनाने चाहे लेकिन चहल की गेंद पर धोनी ने बड़ी कुशलता से उन्हें स्टंप आउट कर दिया. बुमराह ने विश्व फर्नांडो (शून्य) को बोल्ड करके श्रीलंकाई पारी का अंत किया.

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