झारखंड की महिला क्रिकेटर भले मूलभूत सुविधाओं से वंचित हों, लेकिन अपनी मेहनत के दम पर अब यहां की छोरियां भी देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाने लगी हैं.
* हजारीबाग की शुभलक्ष्मी ने किया भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व
हजारीबाग की शुभलक्ष्मी शर्मा राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में पहचान बनाने के बाद अब युवा खिलाड़ियों को जागरूक कर रही हैं. वह चाहती हैं कि लड़कियां क्रिकेट खेलें व झारखंड का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करे. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दे रही हैं. प्रभात खबर संवाददाता ने दूरभाष पर शुभलक्ष्मी से बातचीत की. फिलहाल वह दिल्ली में है और रेलवे में नौकरी भी कर रही है.
* शुभलक्ष्मी का संघर्ष : हजारीबाग की शुभलक्ष्मी ने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो समाज और परिवार को काफी समझाना पड़ा कि लड़कियां भी क्रिकेट खेल सकती हैं. क्रिकेटर बनने की उसकी कोशिशों में उसके भाइयों ने मदद की और भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा भी चार वर्षों तक रही. वर्ष 2005 में जमशेदपुर में जब महिला टीम के लिए चयन का ट्रायल चल रहा था, तब परिवार के लोगों ने उसे रोक दिया, लेकिन भाइयों ने मदद की और उसे जमशेदपुर पहुंचाया. इसके बाद शुभलक्ष्मी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. शुभलक्ष्मी की उपलब्धि : शुभलक्ष्मी ने इंडिया टीम के अलावा जिला, राज्य व भारतीय रेलवे के लिए खेला. वह पहली महिला खिलाड़ी हैं, जिसे प्रसिद्ध खेल पत्रिका स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड के कवर पर जगह मिली. हजारीबाग जिला प्रशासन के स्वच्छ भारत अभियान की ब्रांड एंबेसडर है. तीन साल से जूता बनानेवाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी नाइक की ब्रांड एंबेसडर हैं.
* लड़कों के साथ खेलती थीं, अब हैं हिमाचल की कोच
बचपन में लड़कों के साथ गली में क्रिकेट खेलने की ललक ने न जाने कब कामयाबी तक पहुंचा दिया, पता ही ना चला. यह कहना है शहर के सोनारी इलाके में रहनेवाली पुष्पांजलि बनर्जी का. पुष्पांजलि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश महिला क्रिकेट अकादमी की कोच हैं.
भारतीय वीमेंस टीम की विकेटकीपर सुषमा वर्मा इसी अकादमी की खिलाड़ी है. पुष्पांजलि बताती हैं कि मुझे बचपन में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना काफी पसंद था. क्रिकेट के अलावा मैं कबड्डी, वॉलीबॉल भी खेला करती थी. उसी दौरान मुझे पता चला कि शहर के वीमेंस कॉलेज में क्रिकेट की प्रैक्टिस करायी जाती है. उस समय मैं स्कूल में पढ़ती थी. लड़कों के साथ खेलने के कारण मैं काफी अच्छा खेलती थी.
मेरा सेलेक्शन हो गया. पहले ही साल जिला, सीनियर टीम, अंडर-19 जूनियर के साथ जोनल में मेरा चयन हो गया. मैंने सीनियर नेशनल, जूनियर जोनल, सीनियर जोनल, ऑल इंडिया झांसी चैंपियनशिप, अंडर-19 सीनियर, अंडर-23 महिला क्रिकेट टीम का भी हिस्सा रही.
– झारखंड की खिलाड़ियों का दबदबा पहले से बढ़ा है. इनके परफॉरमेंस में काफी सुधार आया है.
संजय पांडेय, कोच, राज्य महिला टीम