11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Dhanteras 2025: धनतेरस के दिन क्यों पूजे जाते हैं मृत्यु के देवता यमराज, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Dhanteras 2025: हिंदू धर्म में धनतेरस को जीवन में नई शुरुआत और नई उम्मीदों का पर्व माना जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि के साथ मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने की परंपरा है. कई लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि नई शुरुआत के प्रतीक इस दिन मृत्यु के प्रतीक यमराज की पूजा क्यों की जाती है. आइए जानते हैं धनतेरस पर भगवान यमराज की पूजा का कारण.

Dhanteras 2025: धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन घरों में माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है. धनतेरस को सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और जीवन में नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि उम्मीदों और नई शुरुआत को दर्शाने वाले इस पावन पर्व पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा क्यों की जाती है? आइए इस सवाल का उत्तर जानने की कोशिश करते हैं, इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा के माध्यम से.

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में हेम नाम के एक राजा हुआ करते थे. उनकी कोई संतान नहीं थी. कई वर्षों तक मनोकामनाएं मांगने और पूजा-पाठ करने के बाद उनके घर एक पुत्र का जन्म हुआ.
पुत्र के जन्म से राजा अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने ज्योतिषाचार्यों को बुलाकर बच्चे की कुंडली बनवाई.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि उनके पुत्र की कुंडली में अकाल मृत्यु का योग है,  यदि उसकी शादी होती है, तो विवाह के दसवें दिन उसकी मृत्यु हो जाएगी. यह सुनकर राजा की खुशियां डर और चिंता में बदल गईं.

राजा ने उसी दिन निर्णय लिया कि वह अपने पुत्र का विवाह कभी नहीं करवाएंगे. लेकिन इसके बाद भी राजा दिन-रात अपने बेटे की चिंता में डूबे रहते. एक दिन उन्होंने निश्चय किया कि पुत्र को ऐसी जगह भेज दें जहां कोई स्त्री न रहती हो. राजा ने ऐसी एक जगह ढूंढी और अपने बेटे को वहां भेज दिया. लेकिन वहां जाकर राजकुमार की मुलाकात एक सुंदर कन्या से हुई. धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया और उन्होंने गंधर्व विवाह कर लिया.विवाह के दसवें दिन, जैसा कि भविष्यवाणी में कहा गया था, यमदूत राजकुमार के प्राण लेने पहुंचे. यह देखकर उसकी पत्नी जोर-जोर से रोने लगी.नवविवाहिता को इस तरह विलाप करते देख यमदूतों को बहुत दुख हुआ.वे राजकुमार के प्राण लेकर मृत्यु के देवता यमराज के पास पहुंचे और सारी बात बताई. उन्होंने यमराज से पूछा कि क्या अकाल मृत्यु से मुक्ति का कोई उपाय है?

यमराज ने उनके दुखी मन को देखकर कहा कि “यदि कोई व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शाम के समय दीपक जलाता है, तो उसके जीवन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.” तब से ही धनतेरस के दिन यमराज की पूजा की परंपरा शुरू हुई.

इस साल धनतेरस कब मनाया जाएगा?

पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस का पावन पर्व 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा.

धनतेरस के दिन किन-किन देवताओं की पूजा होती है?

धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और भगवान यमराज की पूजा की जाती है.

धनतेरस के दिन किन चीजों को खरीदना शुभ माना जाता है?

धनतेरस के दिन बर्तन, सोना-चांदी, वाहन, झाड़ू सहित अन्य घर के सामान खरीदना शुभ माना जाता है.

धनतेरस पर नई वस्तुएं खरीदने का धार्मिक महत्व क्या है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन नई वस्तुएं खरीदने से घर की धन-समृद्धि में 13 गुना वृद्धि होती है.

यह भी पढ़ें: Dhanteras Shopping 2025: धनतेरस पर इस शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, जानें इसके अलावा और क्या खरीदना रहेगा शुभ

ये भी पढ़े  Kuber Ji Ki Aarti

ये भी पढ़े  Dhanteras Ki Katha

ये भी पढ़ेDhanteras Puja Vidhi

ये भी पढ़ेGanesh Ji Ki Aarti

ये भी पढ़ेMaata Laxmi Mantra

ये भी पढ़े Laxmi Ji Ki Aarti

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

Neha Kumari
Neha Kumari
प्रभात खबर डिजिटल के जरिए मैंने पत्रकारिता की दुनिया में पहला कदम रखा है. यहां मैं एक इंटर्न के तौर पर काम करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़े विषयों पर कंटेंट राइटिंग के बारे में सीख रही हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel