Vaishakh Month 2025: हिंदू कैलेंडर के दूसरे महीने वैशाख को अत्यंत शुभ माना जाता है, जिसमें कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अनुकूल मुहूर्त उपलब्ध होते हैं. अक्षय तृतीया का त्योहार भी इसी महीने में मनाया जाता है, जिसे विशेष रूप से शुभ दिन माना जाता है. इस दिन किसी भी शुभ कार्य को बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है. वैशाख महीना चैत्र माह के बाद आता है. आइए जानते हैं कि वैशाख माह कब से कब तक रहेगा और इसका क्या महत्व है.
वैशाख मास कब से प्रारंभ होता है?
चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से वैशाख मास की शुरुआत होती है, जो वैशाख पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है. वर्ष 2025 में वैशाख मास 13 अप्रैल 2025 से प्रारंभ होगा और इसकी समाप्ति 12 मई 2025 को होगी.
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इस माह का नाम वैशाख क्यों रखा गया है?
ज्योतिष के अनुसार, हिंदू महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं और महीनों का परिवर्तन चंद्र चक्र पर निर्भर करता है. चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है. इस प्रकार, वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में होता है, इसलिए इस महीने को वैशाख कहा जाता है.
वैशाख माह 2025 का नामकरण किस प्रकार हुआ?
वैशाख माह का नाम विशाखा नक्षत्र से संबंधित है, इसलिए इसे वैशाख कहा जाता है. विशाखा नक्षत्र का स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं, जबकि इसके अधिदेवता इंद्र देव माने जाते हैं. इसी कारण इस माह में स्नान, दान, व्रत और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास में किए गए पुण्य कार्य, विशेषकर दान, का फल अक्षय होता है, अर्थात यह पुण्य कभी समाप्त नहीं होता. इसलिए, यह महीना आध्यात्मिक साधना और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.