Sakat Chauth 2026: साल 2026 में सकट चौथ का व्रत 6 जनवरी को रखा जाएगा. यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें ‘विघ्नहर्ता’ कहा जाता है. सकट चौथ का व्रत संतान की लंबी उम्र, सुखी जीवन और संकटों से रक्षा के लिए रखा जाता है. धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि सकट चौथ व्रत पूजा के साथ दान भी करना चाहिए, क्योंकि इस दिन दान का विशेष महत्व है. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु: से सकट चौथ व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी…
सकट चौथ व्रत कब है?
पंचांग के अनुसार, माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 6 जनवरी 2026 को सुबह 8 बजकर 01 मिनट से होगी, जो 7 जनवरी 2026 को सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. ऐसे में सकट चौथ का व्रत 6 जनवरी 2026 दिन मंगलवार को रखा जाएगा.
सकट चौथ व्रत पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
- स्वच्छ वस्त्र पीले या लाल कलर के धारण करें.
- पूजा स्थल पर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें
- गणेश जी को जल, अक्षत, सिंदूर, हल्दी, दूर्वा, फूल और तिल अर्पित करें.
- मोदक, लड्डू या तिल-गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं.
- दिनभर व्रत रखें और भगवान गणेश का स्मरण करते रहें.
सकट चौथ व्रत नियम
- माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन निर्जल या फलाहार व्रत रखा जाता है.
- संतान की रक्षा, दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत का संकल्प लें.
- दिनभर सत्य, संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- क्रोध, निंदा और अपशब्दों से बचें, किसी का अपमान न करें.
- दिनभर अनाज, नमक, तामसिक भोजन से परहेज करें.
- व्रत के दौरान फल, दूध, साबूदाना, कंद-मूल ले सकते हैं.
सकट चौथ व्रत पारण के नियम
- चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोलें.
- पहले गणेश जी का प्रसाद ग्रहण करें.
- व्रत खोलते समय शांत और श्रद्धा भाव रखें.
चंद्र दर्शन का नियम
- रात्रि में चंद्रमा के दर्शन के बिना व्रत न खोलें.
- चंद्र देव को जल, दूध या तिल मिश्रित जल से अर्घ्य दें.
सकट चौथ व्रत पूजा की सामग्री
- भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र
- संकटा माता का चित्र
- दूर्वा घास
- काला तिल
- गुड़, लड्डू या मोदक
- लाल फूल
- दीपक, धूप, अगरबत्ती
- जल, अक्षत
सकट चौथ व्रत संध्या काल की पूजा विधि
- सूर्यास्त के बाद ही सकट चौथ की पूजा करें.
- सूर्यास्त के बाद पूजा स्थान को स्वच्छ करें.
- चौकी पर भगवान गणेश व संकटा माता की स्थापना करें.
- गणेश जी को जल, अक्षत, फूल, दूर्वा अर्पित करें.
- गणेश जी को तिल-गुड़ या मोदक का भोग लगाएं.
- “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जप करें.
- संकटा माता की पूजा करें और संतान की मंगल कामना करें.
- पूजा के बाद में सकट चौथ व्रत कथा अवश्य सुनें या पढ़ें.
चंद्र दर्शन और अर्घ्य
- रात में चंद्रमा के दर्शन करें.
- चंद्र देव को जल, दूध या तिल मिश्रित जल से अर्घ्य दें.
- चंद्र देव से सुख-शांति की प्रार्थना करें.
- रात्रि में चंद्रमा के दर्शन के बिना व्रत न खोलें.
सकट चौथ के दिन तिल और गुड़ का दान
सकट चौथ को तिलकुटा चौथ भी कहा जाता है, इस दिन तिल का दान करना सबसे शुभ माना जाता है. सकट चौथ के दिन तिल और गुड़ का दान जरूर करना चाहिए, ऐसा करने से शनि दोष से राहत मिलती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं.
सकट चौथ के दिन गर्म कपड़ों का दान
सकट चौथ माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ता है, जब ठंड बहुत होती है. माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को कंबल, गर्म कपड़े व जूते-चप्पल का दान करने से पितृ दोष दूर होता है और संतान पर आने वाली मुश्किलें टल जाती हैं.
सकट चौथ के दिन अन्न का दान
सकट चौथ के दिन अनाज का दान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है, इस दिन भूखे को भोजन कराने पर तरक्की के द्वार खुलते है और हमेशा के लिए आर्थिक तंगी राहत मिलती है.
सकट चौथ के दिन किए जाने वाले ज्योतिषीय उपाय
बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को 21 दूर्वा की गांठें ‘ऊँ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जप करते हुए अर्पित करें. अगर आपके जीवन में बहुत अधिक संघर्ष है, तो गणेश जी को शमी के पत्ते चढ़ाएं.
चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु:
ज्योतिषाचार्य एवं हस्त रेखा विशेषज्ञ
Mo- +91 8620920581

