Pausha Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी भगवान नारायण को समर्पित है. इस व्रत को माताएं विशेष रूप से संतान की दीर्घ आयु, सुख-शांति, सफलता और सुरक्षा के लिए करती हैं. वहीं, कई महिलाएं इस व्रत को संतान प्राप्ति की कामना से भी रखती हैं.कई बार ऐसा होता है कि व्रत के दौरान या व्रत शुरू होने से पहले महिलाओं का मासिक धर्म शुरू हो जाता है. ऐसी स्थिति में क्या महिलाओं को व्रत रखना चाहिए या नहीं, आइए जानते हैं.
क्या मासिक धर्म के दौरान व्रत करना चाहिए?
यदि महिलाएं अपनी स्वेच्छा से मासिक धर्म के दौरान एकादशी का व्रत करना चाहती हैं, तो वे व्रत रख सकती हैं. शास्त्रों में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं व्रत नहीं रख सकतीं. हालांकि, इस दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
- यदि आप मासिक धर्म के दौरान व्रत रख रही हैं, तो इस दिन संपूर्ण निर्जला व्रत न रखें. मासिक धर्म के दौरान शरीर कमजोर हो जाता है, ऐसे में निर्जला व्रत स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है.
- आमतौर पर एकादशी व्रत के दौरान दिन में बिस्तर पर सोना वर्जित माना जाता है, लेकिन मासिक धर्म के दौरान यदि अत्यधिक दर्द हो और बैठना या खड़ा रहना संभव न हो, तो आप लेट सकती हैं. इस अवस्था में मन ही मन भगवान नारायण के नाम का जाप करें.
- इस दिन घर में किसी अन्य महिला से पूजा करवा सकती हैं. पूजा की सामग्रियों को न छुएं, दूर से ही पूजा के नियमों का पालन करें और व्रत कथा सुनें.
- व्रत के दौरान नियमित रूप से जल, दूध और फलों का सेवन करें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

