Surya Grahan 2025: साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को, यानी आज, दोपहर 2:21 बजे शुरू हो चुका है और यह शाम 6:14 बजे समाप्त होगा. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण है, इसलिए यह भारत में दिखाई नहीं देगा. जानिए, यह सूर्य ग्रहण किन राशियों के लिए शुभ साबित हो सकता है.
सूर्य ग्रहण का दृश्यता स्थान
इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जाएगा. यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, आंशिक उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर जैसे क्षेत्रों में दिखाई देगा.
साल 2025 के पहले सूर्यग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ख्याल
क्या सूतक काल लागू होगा
29 मार्च को होने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा. इसलिए, भारत में इसे न देखने के कारण सूतक के नियम लागू नहीं होंगे. इसके परिणामस्वरूप, ग्रहण के समय मांगलिक कार्यों पर कोई रोक नहीं लगेगी. सूतक काल के मान्य न होने के कारण मंदिरों के दरवाजे बंद नहीं किए जाएंगे और पूजा-पाठ पर भी कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
क्या है सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता. वैज्ञानिकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जब वे सौर कोरोना (Solar Corona) और अन्य खगोलीय घटनाओं का अध्ययन कर सकते हैं.
धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
भारतीय ज्योतिष में सूर्य ग्रहण को विशेष महत्व दिया जाता है. इस दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है. ग्रहण के दौरान मंत्र जाप और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है.
सूर्य ग्रहण पर सुरक्षा उपाय
सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से देखना हानिकारक हो सकता है. इसके लिए विशेष फिल्टर वाले चश्मों का उपयोग करें या वैज्ञानिक तरीकों से ही ग्रहण का अवलोकन करें.