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भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं श्रीराम, जानिए कैसे बने मानव जीवन के लिए मार्गदर्शक

भगवान विष्णु के अवतार श्री राम का नाम कौन नहीं जानता है. रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने अपने ग्रंथ में लिखा है कि भगवान श्री राम में वैदिक सनातन धर्म की आत्मा कहे जाने वाले सभी गुण विद्यमान है. भगवान राम को पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुष अर्थात् 'मर्यादा पुरुषोत्तम' भी कहा जाता है.

भगवान विष्णु के अवतार श्री राम का नाम कौन नहीं जानता है. रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने अपने ग्रंथ में लिखा है कि भगवान श्री राम में वैदिक सनातन धर्म की आत्मा कहे जाने वाले सभी गुण विद्यमान है. भगवान राम को पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुष अर्थात् ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ भी कहा जाता है. इसलिये राम नवमी का त्योहार कई मायनों में महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि राम नवमी के दिन जो श्रद्धालु दिनभर उपवास रखकर भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं तथा अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान−पुण्य करते हैं, वह अनेक जन्मों के पापों को उतारने में समर्थ होते हैं. इस दिन पुण्य सलिला सरयू नदी में स्नान करके भी लोग पुण्य लाभ कमाते हैं.

मान्यता है कि भगवान श्रीराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को पड़ने वाली रामनवमी पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनायी जाती है. देश के मंदिरों में इस दिन श्रीराम जन्मोत्सवों की धूम देखते ही बनती है. इस दिन नवरात्रि का अंतिम दिन होने के कारण मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है और जगह जगह हवन, पूजन और कन्या पूजन किये जाते हैं. मान्यता है कि भगवान श्रीराम का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था इसीलिए इस दिन तीसरे प्रहर तक व्रत रखा जाता है और दोपहर में राम महोत्सव मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीराम को पंचामृत से स्नान कराकर प्रसाद का भोग लगाकर आरती की जाती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीराम और रामचरितमानस की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.

अयोध्या के महाराज दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे भगवान श्री राम

त्रेतायुग में जन्में भगवान श्री राम अयोध्या के महाराज दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे. अयोध्या के महाराज दशरथ के चार पुत्र थे. लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न श्रीराम के भाई थे. भगवान श्रीराम की मां कौशल्या थी और शेष सुमित्रा और कैकयी के पुत्र थे. भगवान राम का विवाह मिथिला नरेश राजा जनक की पुत्री सीता के साथ हुआ था. लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला, शत्रुध्न की पत्नी श्रुतकीर्ति और भरत की पत्नी मांडवी थी. विवाह के पश्चात् भगवान श्रीराम को राजा दशरथ ने रानी कैकयी के कहने पर 14 वर्ष के लिए वनवास पर भेज दिया था क्योंकि एक वचन के अनुसार कैकेयी राजा दशरथ से कुछ भी मांग सकती थी तो रानी कैकेयी ने दासी मंदोदरी के उकसाने पर भरत को अयोध्या का राजा बनाने और राम को वनवास देने की इच्छा जताई. उसके बाद श्री राम ने पिता की आज्ञा का पालन करके भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ 14 साल के लिये वन की ओर चले गए.

ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश में से भगवान विष्णु ने संसार की भलाई के लिए कई अवतार लिए हैं. भगवान विष्णु ने कुल 10 अवतार लिए, जिसमें से भगवान राम सातवें अवतार माने जाते हैं और यह अवतार भगवान विष्णु के सभी अवतारों में से सबसे ज्यादा पूज्यनीय माना जाता है. भगवान श्री राम के बारे में महर्षि वाल्मीकि द्वारा अनेक कथाएं लिखी गई हैं. वाल्मीकि के अलावा प्रसिद्ध महाकवि तुलसीदास ने भी श्री राम के महत्व को लोगों को समझाया है. भगवान राम ने कई ऐसे महान कार्य किए हैं जिसने हिन्दू धर्म को एक गौरवमयी इतिहास प्रदान किया है. भगवान विष्णु ने राम बनकर असुरों का संहार करने के लिए पृथ्वी पर जन्म लिया. भगवान श्री राम ने मातृ−पितृ भक्ति के चलते अपने पिता राजा दशरथ के एक आदेश पर 14 वर्ष तक वनवास काटा. नैतिकता, वीरता, कर्तव्यपरायणता के जो उदाहरण भगवान राम ने प्रस्तुत किए वह बाद में मानव जीवन के लिए मार्गदर्शक बन गए.

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