Premanand Ji Maharaj Tips: प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) अपने उपदेशों के माध्यम से लाखों भक्तों को भक्ति, सत्य और ईश्वर के प्रति समर्पण का मार्गदर्शन करते हैं. उनका सरल और पवित्र व्यक्तित्व अनेक लोगों को आकर्षित करता है. प्रेमानंद जी महाराज की कई वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल होती रहती हैं. हाल ही में, उन्होंने अपने प्रवचन में 8 महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति धनवान बन सकता है. इसके साथ ही, भगवान उसकी सभी इच्छाओं को पूरा करेंगे. आइए जानते हैं कि कौन सी 8 बातें हैं, जिनका ध्यान रखकर व्यक्ति भगवान को प्रसन्न कर सकता है और धनवान बन सकता है.
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- प्रेमानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि सभी की धनी बनने की इच्छा होती है, लेकिन इसके लिए लोग अक्सर शॉर्ट कट का सहारा लेते हैं. यह शॉर्ट कट उन्हें गलत दिशा में ले जाता है. यदि आप धनी बनना चाहते हैं, तो सबसे सरल तरीका है संतों की सेवा करना.
- प्रेमानंद जी महाराज आगे बताते हैं कि संतों की जीभ से भगवान का प्रसाद प्राप्त होता है. यदि संतों की पूजा नियमपूर्वक और पूर्ण श्रद्धा के साथ की जाए, तो भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
- प्रेमानंद जी महाराज आगे बताते हैं कि जब आप संतों की सेवा के लिए जाएं, तो संभव है कि उनमें से कोई भगवान वेश धारण करके अपनी लीला दिखाने आ जाएं. इसलिए यदि संतों के पैरों में कोई घाव है, तो उससे घृणा न करें, बल्कि पूरी श्रद्धा से उनकी सेवा करें.
- प्रेमानंद जी महाराज आगे स्पष्ट करते हैं कि व्यक्ति को गुरु के उपदेशों के प्रति पूर्ण निष्ठा रखनी चाहिए. यदि आप भगवान के दर्शन की इच्छा रखते हैं, तो पहले आपको गुरुजनों की कृपा प्राप्त करनी चाहिए.
- महाराज जी की उपदेशों का पालन करके व्यक्ति भगवान को प्रसन्न कर समृद्धि प्राप्त कर सकता है. प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि व्यक्ति को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. उपासक को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि कोई भूखा संत आपके दरवाजे पर आए, तो उसे भोजन अवश्य दें. प्रेमानंद जी महाराज आगे बताते हैं कि यदि कोई आपसे धन मांगे और आपको संदेह हो कि आपका धन गलत कार्य में जाएगा, तो उसे धन न दें. दान देने में विवेक का प्रयोग करें, क्योंकि इससे आपके पतन की संभावना बढ़ सकती है. इसके अलावा, यदि कोई साधु जिसे आप जानते हैं, वह आपके घर के बाहर है, तो आप उसे भोजन दे सकते हैं. यदि वह परिचित है, तो उसे घर में बुलाकर भोजन कराना चाहिए.