Masik Shivratri 2025: सनातन धर्म में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है. मासिक शिवरात्रि इनमें से एक है. यह तिथि देवो के देव महादेव को समर्पित है. इसलिए इस दिन शिवजी की पूजा का विधान है. यह प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस माह में बार यह शुभ तिथि आज यानी 21 अगस्त 2025 दिन गुरुवार को है. इस कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस तिथि का महत्व और भी बढ़ जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी जातक व्रत और पूजन करता है उसको ढेरों लाभ होते हैं. साथ ही, सभी कार्य सुगमता से बनने लगते हैं. ऐसे सवाल है कि आखिर इस मासिक शिवरारात्रि को कौन से शुभ योग हैं? देवों के देव की पूजा के लाभ? मासिक शिवरात्रि का महत्व? मासिक शिवरात्रि की पूजा-विधि क्या है? आइए जानते हैं इस बारे में-
मासिक शिवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri 2025 Shubh Muhurat)
- भाद्रपद माह, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 21 अगस्त 2025, दोपहर 12:44 बजे
- भाद्रपद माह, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्ति: 22 अगस्त 2025, सुबह 11:55 बजे
- पूजा का शुभ मुहूर्त: 21 अगस्त 2025, रात 12:02 बजे से 12:46 बजे तक
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मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है और इसे भगवान शिव को समर्पित किया जाता है. इस दिन उपवास और श्रद्धा के साथ शिवजी की पूजा करने से अपार लाभ होते हैं. पूजा का आरंभ दिन के शुभ समय में या रात के समय विशेष मुहूर्त में किया जाता है.
सबसे पहले, घर या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करें. इसे स्वच्छ जल से धोकर साफ करें और साफ कपड़े या आसन पर स्थापित करें. फिर बेलपत्र, धतूरा, चंदन, कुमकुम, फूल और अक्षत चढ़ाकर शिवजी का ध्यान करें. पूजा में घी का दीपक जलाना और धूप-अगरबत्ती का प्रयोग करना शुभ माना जाता है.
इसके बाद, ‘मंत्रोच्चारण’ और ‘शिव स्तोत्रों’ का पाठ करें. “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना अत्यंत लाभकारी है. भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और रात्रि जागरण कर भगवान शिव की आराधना करते हैं. अगर संभव हो तो रात्रि के 12 बजे के आसपास शिवलिंग का अभिषेक दूध, दही, शहद और जल से करें.
पूजा समाप्त होने के बाद, बेलपत्र और प्रसाद के रूप में फल या मिठाई भगवान शिव को अर्पित करें और फिर उसे परिवार और जरूरतमंदों में वितरित करें. इस दिन उपवास करने वाले भक्तों के सारे पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
मासिक शिवरात्रि की पूजा न केवल आध्यात्मिक उन्नति देती है, बल्कि मन को शांति और मानसिक स्थिरता भी प्रदान करती है. इसे श्रद्धा और भक्ति भाव से करने पर भगवान शिव अपने भक्त पर विशेष कृपा करते हैं.

