Masik Shivratri 2025: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है. प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह व्रत और पूजा संपन्न की जाती है. इस पावन दिन पर देवों के देव महादेव की आराधना की जाती है और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति के लिए उपवास रखने का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और भक्ति से शिवजी की पूजा करने पर भोलेनाथ अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
इस समय भाद्रपद माह चल रहा है और इसकी मासिक शिवरात्रि आज, 21 अगस्त 2025 को पड़ रही है. इस अवसर पर भक्त शिवलिंग का जलाभिषेक, मंत्र-जाप और रात्रि जागरण कर भगवान शंकर की आराधना करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस शुभ मौके पर कुछ शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जो हमें फायदा पहुंचाने वाले हैं, आइए जानें कैसे
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मासिक शिवरात्रि के शुभ योग
मासिक शिवरात्रि के दिन कई महत्वपूर्ण शुभ योग बन रहे हैं, जो इस तिथि का महत्व और भी बढ़ा देते हैं. सबसे पहले गुरु-पुष्य योग, जो गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के साथ बनता है. यह योग धन, समृद्धि और ज्ञान प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है. इस योग में आरंभ किए गए कार्य निश्चित रूप से सफल होते हैं.
इसके अलावा, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है, जो हर प्रकार के कार्यों की सिद्धि प्रदान करता है. इस योग में नए कार्यों की शुरुआत करना, निवेश करना या जीवन से जुड़े बड़े निर्णय लेना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
साथ ही, अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है, जो आध्यात्मिक और सांसारिक दोनों ही कार्यों में सफलता दिलाने वाला है. इन शुभ योगों के कारण मासिक शिवरात्रि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.द्धा और भक्ति भाव से करने पर भगवान शिव अपने भक्त पर विशेष कृपा करते हैं.
प्रश्न: मासिक शिवरात्रि कब मनाई जाती है?
उत्तर: हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.
प्रश्न: मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?
उत्तर: मासिक शिवरात्रि हर महीने आती है, जबकि महाशिवरात्रि वर्ष में एक बार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मनाई जाती है.
प्रश्न: मासिक शिवरात्रि का व्रत कौन रख सकता है?
उत्तर: यह व्रत सभी कर सकते हैं. स्त्री-पुरुष, विवाहित या अविवाहित कोई भी भक्त श्रद्धा से शिवजी का व्रत कर सकता है.

