Kalashtami 2021 April, Shubh Muhurat, Kaal Bhairav, Puja Vidhi, Manane Ke Upay: हर माह की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी पर्व मनाने की परंपरा है. ऐसे में चैत्र मास में यह व्रत 4 अप्रैल 2021, रविवार को पड़ रहा है. इस पर्व को भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यताओं के मुताबिक भगवान भैरव को शिव का पांचवां अवतार माना गया है. ऐसे में इस दिन भगवान शिव के रौद्ररूप यानी कालभैरव की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है.
आपको बता दें कि आमतौर पर तंत्र-मंत्र की विद्या प्राप्त किए लोग ही शिव के इस रूप की पूजा करते है. साधारण लोगों को भगवान भैरव के बटुक स्वरूप को पूजना चाहिए क्योंकि इनका सौम्य स्वभाव होता है. जबकि कालभैरव पापियों को दंड देने के लिए जाने जाते हैं.
कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा करने का महत्व
यदि भय और संकट से मुक्ति चाहिए या शत्रु, बाधा, दुर्भाग्य व राहु-केतु समेत अन्य नकारात्मक शक्तियों आदि के प्रकोप से परेशान है तो इनसे मुक्ति पाने के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए. मान्यताओं के अनुसार काल भी इनकी पूजा करने से भयभीत रहता है. ये जातक को शत्रुओं और दुर्भाग्य से छुटकारा दिला सकते है.
कालाष्टमी व्रत के दौरान भगवान भैरव को कैसे प्रसन्न करें
कालाष्टमी के दिन सुबह उठें,
स्नानादि करने के बाद भगवान भैरव का ध्यान करें,
उन्हें गुलाल, अबीर, चावल, सिंदूर, फूल, माला अर्पित करें.
खास कर उन्हें नीले रंग का फूल बेहद पसंद है.
विधि-विधान के कालाष्टमी के दिन भगवान कालभैरव की पूजा करें. ये धन, यश और सफलता प्रदान करके कष्टों से मुक्ति दिलाने में सक्षम है.
संभव हो तो इस दिन मंदिर में जाएं और काजल व कपूर आदि दान करें
धन की समस्या से मुक्ति पाने के उपाय
यदि धन संबंधित समस्या से त्रस्त है तो कालाष्टमी के दिन किसी भैरव मंदिर में जाएं, भगवान भैरव को चमेली का तेल चढ़ाएं और सिंदूर भी अर्पित करें. इससे धन आगमन के विभिन्न रास्ते खुलेंगे और सुख-समृद्धि का वास भी घर में वास होगा. इसके अलावा मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु आप नींबू की माला भी उन्हें अर्पित कर सकते हैं.
नकारात्मक शक्तियां दूर करने के उपाय
यदि किसी प्रकार की नकारात्मक शक्ति से आप परेशान है तो कालाष्टमी के दिन 11 रूपए या क्षमता अनुसार पैसे चढ़ाएं और काले तिल, काले उड़द व काले कपड़े मंदिर जाकर भगवान भैरव को अर्पित करें. इससे नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती है.
Posted By: Sumit Kumar Verma