किसी भी भगवान की पूजा से पहले बप्पा की पूजा की जाती है
इन्हें विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता, मंगलमूर्ति जैसे नामों से भी जाना जाता है
Ganesh Ji Puja: हिंदू धर्म में भगवान गणेश सुख, संपत्ति, और शुभ शक्तियों के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं. वे ज्ञान और विद्या के प्रतीक भी हैं. गणपति बप्पा के नाम से भी पुकारे जाते हैं, किसी भी कार्य में सफलता के लिए गणेश जी पूजे जाते हैं. किसी भी भगवान की पूजा से पहले बप्पा की पूजा की जाती है, यानी सभी देवताओं में भगवान गणेश प्रथम पूज्य माने जाते हैं. सच्चे मन से गणेश जी की आराधना की जाए तो सभी कष्ट दूर होते हैं. इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता, मंगलमूर्ति जैसे नामों से भी जाना जाता है
क्यों नही करना चाहिए पीठ के पीछे से दर्शन
धार्मिक ग्रंथों में भगवान गणेश का दर्शन पीठ के पीछे से करना वर्जित बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की पीठ के पीछे दरिद्रता का वास होता है. इसलिए श्रद्धालुओं को पीठ की ओर से गजानन के दर्शन नहीं करने चाहिए. ऐसा करने पर घर में गरीबी और दरिद्रता का वास होता है. कई परेशानियां भी सामने आने लगती हैं.
सामने से क्यों करें दर्शन
गणेश जी की सूंड पर धर्म विद्यमान होती है, जबकि उनके कानों पर ऋचाएं विद्यमान होती हैं. गणेश जी के विभिन्न अंगों में देवी-देवताओं का वास माना जाता है. इसलिए कहा जाता है कि गणेश जी के सामने से दर्शन करने से सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है. अगर कोई व्यक्ति गणेश जी के पीठ का दर्शन करता है, तो उसे पीड़ा से गुजरनी पड़ सकती है, और इस कारण से उनकी पीठ को नहीं देखना चाहिए. यदि किसी को गलती से भी भगवान गणेश के पीठ का दर्शन हो जाता है, तो वह उनकी वंदना करके क्षमा याचना कर सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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