Baglamukhi Jayanti 2025: हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष यह जयंती 5 मई 2025, सोमवार को मनाई जा रही है. बगलामुखी जयंती देवी बगलामुखी की पूजा का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन तंत्र साधना, शत्रुओं का नाश और विजय प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में आठवीं शक्ति के रूप में जानी जाती हैं, जिन्हें “स्तंभन शक्ति” का स्वरूप माना जाता है. इनकी पूजा से शत्रुओं का नाश, वाणी में प्रभाव और जीवन में विजय की प्राप्ति होती है.
इस पावन अवसर पर यदि “बगलामुखी स्तोत्र” का श्रद्धा भाव से पाठ किया जाए, तो साधक को अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं. नीचे प्रस्तुत है एक प्रभावशाली स्तोत्र, जिसका जयंती पर पाठ अवश्य करना चाहिए:
बगलामुखी स्तोत्र (संक्षिप्त रूप)
मां बगलामुखी की आराधना से नकारात्मकता समाप्त होती है और व्यक्ति में ऊर्जा का संचार होता है. इसके अतिरिक्त, मां बगलामुखी की पूजा के समय उनके स्तोत्र का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है.
बगलामुखी जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय
जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा.
देवि सर्वे भवेत्वाम् शरणं प्रपन्नाः.
शत्रुन्मुखे वाणीं तव प्रभावेन स्तम्भय.
न्यायालये विवादे, रणभूमौ वा समराङ्गणे.
जयं दत्वा रक्ष मां, स्तम्भय शत्रूनसङ्गमे॥
पीताम्बरा धारिणीं, वज्र-नख-कटाक्षिणीम्.
स्तम्भिनीं शत्रुहन्त्रीं, बगलां शरणं व्रजे॥
भक्तों को इस स्तोत्र का पाठ स्नान के बाद, पीले वस्त्र धारण करके, हल्दी की माला से पीले आसन पर बैठकर करना चाहिए. देवी को पीले फूल, चने की दाल, और हल्दी से निर्मित प्रसाद अर्पित करें. बगलामुखी जयंती के अवसर पर इस स्तोत्र का पाठ करने से साधक के जीवन से भय, विघ्न और शत्रुओं की बाधाएं समाप्त होती हैं. वाणी में सिद्धि, निर्णयों में विजय और आत्मबल की वृद्धि होती है. देवी बगलामुखी की कृपा से साधक को जीवन में उन्नति, सुरक्षा और शक्ति प्राप्त होती है.
मां बगलामुखी की पूजा क्यों है फायदेमंद
- इस दिन की उपासना विशेष रूप से वकील, राजनेता, अधिकारी और न्याय संबंधी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है.
- ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः — इस मंत्र का 108 बार जप अवश्य करें.

