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जानें क्यों खास है महानवमी, इसी दिन क्यों किया जाता है कन्या पूजन ?

नयी दिल्ली : शारदीय नवरात्रि में आज महानवमी है. इसका अलग की महात्‍मय है. नवमी नवरात्रि का नौवां दिन और दुर्गा पूजा का तीसरा यानि आखिरी दिन होता है. अष्टमी की शाम से ही नवमी की तिथि लग जाती है. आज का दिन नौ दिन के उपवास और तप का आखिरी दिन होता है. आज […]

नयी दिल्ली : शारदीय नवरात्रि में आज महानवमी है. इसका अलग की महात्‍मय है. नवमी नवरात्रि का नौवां दिन और दुर्गा पूजा का तीसरा यानि आखिरी दिन होता है. अष्टमी की शाम से ही नवमी की तिथि लग जाती है. आज का दिन नौ दिन के उपवास और तप का आखिरी दिन होता है.

आज ही कन्या पूजन का विधान है. व्रत पूर्ण करने के साथ ही भक्‍त छोटी कन्याओं का पूजन करते हैं उन्हें घर बुलाकर भोजन करवाकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ऐसी मान्यता के अनुसार छोटी कन्याओं को देवी का रूप माना गया है. कन्याओं के पूजन के बाद ही नौ दिन के बाद व्रत समाप्त किया जाता है. इस दिन भक्त नौ कन्याओं का पूजन करते हैं.

मां पार्वती ने महिषासुर नामक राक्षस का वद्ध करने के लिए दुर्गा का अवतार लिया था. महिषासुर इतना शक्तिशाली था कि उससे लड़ना सभी देवताओं के लिए मुश्किल हो गया था. इसलिए आदिशक्ति ने दुर्गा का रुप धारण किया और महिषासुर से 8 दिनों तक युद्ध किया. दुर्गा ने अष्टमी और नवमी की संद्धी काल में महिषासुर का वध किया था. जब महिषासुर का मां दुर्गा ने संहार किया तो देवता खुशी से झूक उठे और उत्सव मनाया. ऐसी मान्‍यता है कि उसके बाद से ही नवरात्रि का पूजन किया जाने लगा.

नवमी के पीछे एक और पौराणिक कथा है, भगवान राम ने रावण से युद्ध करने से पहले नौ दिन मां दुर्गा की पूजा की थी. इसके बाद ही उन्‍होंने लंका पर चढ़ाई करके दसवें दिन रावण का वध किया था. यही कारण है कि नवरात्रि के अगले दिन विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है.

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