Grah Gochar After Diwali 2025: दिवाली के बाद बुध, मंगल और चंद्रमा वृश्चिक राशि में प्रवेश करने वाले हैं. इस राशि का स्वामी ग्रह मंगल है, इसलिए इन तीनों ग्रहों की चाल सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव और अवसर लेकर आएगी. कई लोगों के लिए यह समय धनलाभ, सफलता और बिगड़े काम बनने का रहेगा.
- बुध 24 अक्टूबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 10 नवंबर तक रहेंगे.
- मंगल 27 अक्टूबर को अपनी राशि में प्रवेश करेंगे और 7 दिसंबर तक विराजमान रहेंगे.
- चंद्रमा 23 अक्टूबर को वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे और 26 अक्टूबर तक रहेंगे.
- इन तीनों ग्रहों की कृपा कुछ राशियों पर विशेष रूप से दिखेगी.
कुंभ राशि
- कुंभ राशि वालों पर बुध, मंगल और चंद्रमा की खास कृपा रहेगी.
- कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी और मान-सम्मान बढ़ेगा.
- जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत होंगे और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएंगे.
- आत्मविश्वास बढ़ेगा और भाग्य का साथ मिलेगा, जिससे समस्याओं से बाहर निकलना आसान होगा.
- पिता के साथ संबंध अच्छे रहेंगे.
- लेखन और राइटिंग सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए समय शुभ है.
- आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं.
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कन्या राशि
- कन्या राशि वालों के लिए यह समय अत्यंत लाभकारी रहेगा.
- आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा.
- पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन बनेगा.
- मानसिक तनाव दूर होगा और छात्रों के लिए परीक्षा में सफलता के योग बन रहे हैं.
- रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ संबंध मजबूत होंगे.
- मेडिकल सेक्टर में काम करने वालों के लिए तरक्की के मौके बनेंगे.
- फ्यूचर प्लानिंग और निवेश से जुड़े लोग भी लाभ उठा सकेंगे.
- पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी.
सिंह राशि
- सिंह राशि वालों को परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा.
- व्यवसाय का विस्तार होगा.
- नया वाहन खरीदने और निवेश करने के लिए समय अनुकूल है.
- छात्रों को कोई नया कोर्स करने से पहले विचार-विमर्श करना चाहिए.
- भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी.
- इंक्रीमेंट और प्रमोशन के योग बन रहे हैं.
- पैसों का दुरुपयोग न करें, ताकि लाभ सुरक्षित रहे.
2025 में दिवाली कब है?
दिवाली मुख्य रूप से 20 अक्टूबर 2025 को होगी.
धनतेरस के कितने दिन बाद दिवाली होती है?
धनतेरस (त्रयोदशी तिथि) के बाद 2 दिन बाद दिवाली आती है.
दीपावली 2025 का शुभ मुहूर्त कब है?
दीपावली (लक्ष्मी पूजा) का प्रमुख शुभ मुहूर्त रात 7:08 बजे से 8:18 बजे तक है.
बूढ़ी दिवाली कब है?
“बूढ़ी दिवाली” (उत्तरेक प्रदेश/गढ़वाल क्षेत्र की स्थानीय परंपरा में) दिवाली के 11 दिन बाद मनाई जाती है।.
अमावस्या को दीपावली क्यों मनाई जाती है?
दिवाली अमावस्या (अंधकार की रात) की रात्रि होती है, जिस दिन माना जाता है कि प्रभु राम अयोध्या लौटे और दीपों से उनका स्वागत हुआ — इसलिए उसी रात्रि को दीपावली मनाई जाती है.

