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झारखंड के शिक्षक स्कूल अवधि में अन्य कार्य के लिए नहीं जाएंगे बाहर, शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश

झारखंड के शिक्षक अब विद्यालय अवधि में किसी प्रकार का रिपोर्ट जमा करने या किसी अन्य कार्य के लिए बाहर नहीं जायेंगे. शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने इस संबंध में दिशा-निर्देश भेज दिया है.

झारखंड के सरकारी विद्यालय के शिक्षक अब विद्यालय अवधि में किसी प्रकार का रिपोर्ट जमा करने या किसी अन्य कार्य के लिए बाहर नहीं जायेंगे. शिक्षकों को अब किसी कार्य को लेकर प्रखंड या जिला कार्यालय नहीं जाना होगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने इस संबंध में सभी जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को दिशा-निर्देश भेजा है.

जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि प्रति माह होने वाली गुरुगोष्ठी के अलावा प्रखंड कार्यालय नहीं जायेंगे. कार्यालय जाना यदि आवश्यक हो तो इसकी पहले अनुमति लेने को कहा गया है. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को नियमित रूप से विद्यालय का निरीक्षण करने को कहा गया है.

मध्याह्न भोजन से जुड़े कार्य के लिए भी नहीं जायेंगे बाहर :

विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा माता समिति के माध्यम से मध्याह्न भोजन का संचालन पूर्व की भांति किया जायेगा. विद्यालय अवधि में कोई भी शिक्षक मध्याह्न भोजन से संबंधित सामानों के क्रय, विक्रय, भंडारण समेत किसी अन्य प्रकार के कार्य के लिए नहीं जायेंगे.

शिक्षक अवकाश पर तो बीआरपी-सीआरपी लेंगे कक्षा :

राज्य के वैसे विद्यालय जहां केवल एक शिक्षक हैं, उन विद्यालय के शिक्षक के अवकाश पर रहने की स्थिति में बीआरपी-सीआरपी को विद्यालय का प्रभार दिया जायेगा. बीआरपी-सीआरपी कक्षा से लेकर मध्याह्न भोजन संचालन का कार्य करेंगे. शिक्षकों को अवकाश की जानकारी संबंधित जिला के जिला डीइओ/डीएसइ को देना होगा. शिक्षक को व्हाटऐप पर अनुमति लेना भी अनिवार्य होगा.

शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के पूर्व अनुमति लेने का निर्देश

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने का निर्देश दिया है. सरायकेला-खरसावां जिला में शिक्षकों को जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्य में लगाया गया था. शिक्षा सचिव द्वारा डीइओ को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि विभाग द्वारा कई बार इस संबंध में दिशा-निर्देश दिया गया है.

शिक्षकों को पठन-पाठन के अतिरिक्त किसी अन्य गैर शैक्षणिक कार्य में प्रतिनियुक्त नहीं करना है. शिक्षक को अगर किसी कार्य में प्रतिनियुक्त करना आवश्यक हो, तो इसकी अनुमति पहले विभाग से ली जाये. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव को इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया था. जिसके बाद शिक्षा सचिव ने यह पत्र जारी किया है.

11 जिला के शिक्षकों को मिला मजिला बदलने का मौका

रांची. राज्य में वर्ष 2016 में गैर अनुसूचित जिला में नियुक्त शिक्षकों को जिला बदलने का अवसर दिया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के पालन के लिए गैर अनुसूचित जिला में नियुक्त व कार्यरत स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक एक अनुसूचित जिला में ट्रांसफर के लिए आवेदन दे सकते हैं.

शिक्षक को आवेदन के साथ जिस जिला में उनकी नियुक्ति हुई है उसका नाम, नियुक्ति का विषय, रौल नंबर, सीधी नियुक्ति हुई है या प्राथमिक शिक्षक के लिए आरक्षित 25 फीसदी पद पर, शिक्षक का आरक्षण कोटि, योगदान की तिथि की जानकारी देनी होगी.

वर्ष 2016 की शिक्षक नियुक्ति में 11 जिला को गैर अनुसूचित जिला घोषित किया गया था. इनमें पलामू, गढ़वा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, देवघर व गोड्डा शामिल था. इन जिलों में कार्यरत हाइस्कूल शिक्षकों को शेष 13 जिला में से किसी एक जिला में पदस्थापन का अवसर दिया जायेगा.

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