16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड के साहित्यकार रवि भूषण को मिला शमशेर सम्मान, 4 साल बाद हुई है घोषणा

Shamsher Samman : हिंदी के प्रख्यात कवि शमशेर बहादुर सिंह की स्मृति में दिए जाने वाले शमशेर सम्मान की घोषणा कर दी गई है. प्रति वर्ष दो साहित्यकारों को इस पुरस्कार से नवाजा जाता है, लेकिन कोविड की वजह से यह पुरस्कार पिछले चार वर्ष से लंबित था.

Shamsher Samman : शमशेर सम्मान मिलने के बाद वरिष्ठ साहित्यकार रवि भूषण ने कहा कि मैं क्या प्रतिक्रिया दूं, इस संबंध में मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है. जिन लोगों ने यह सम्मान दिया है अगर वे इस बारे में कुछ कहना चाहते है, तो कहें, मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता हूं. मैं तो यह चाहता हूं कि यह देश सुरक्षित रहे, समाज सुरक्षित रहे. समाज में जो अच्छी बातें हैं, वह बच जाएं.

शमशेर बहादुर सिंह की स्मृति में दिया जाता है शमशेर सम्मान

हिंदी के प्रख्यात कवि शमशेर बहादुर सिंह की स्मृति में दिए जाने वाले शमशेर सम्मान की घोषणा कर दी गई है. प्रति वर्ष दो साहित्यकारों को इस पुरस्कार से नवाजा जाता है, लेकिन कोविड की वजह से यह पुरस्कार पिछले चार वर्ष से लंबित था, अब जाकर इसकी घोषणा हुई है. 2020 के बाद इस पुरस्कार की घोषणा नहीं हुई थी. इस वर्ष चार वर्ष के पुरस्कार की घोषणा हुई है. वर्ष 2021 का शमशेर सम्मान केरल के ए अरविंदाक्षन और झारखंड के रवि भूषण को दिए जाने की घोषणा हुई है, जबकि 2022 के लिए सवाई सिंह शेखावत और भरत प्रसाद, 2023 के लिए अषंगघोष और भालचंद्र जोशी और 2024 के लिए अनिल मिश्र और दुर्गा प्रसाद गुप्त को दिए जाने की घोषणा हुई है. शमशेर सम्मान साहित्य के क्षेत्र में लंबे समय तक योगदान देने के लिए किया जाता है.

आलोचनात्मक लेखन में है रवि भूषण की पहचान

साहित्यकार रवि भूषण का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ है.उनकी शिक्षा-दीक्षा बिहार में ही हुई. वे रांची विश्वविद्यालय के हिंदी के विभागाध्यक्ष पद पर कार्यरत रहने के बाद यहीं से सेवानिवृत्त हुए. वे समाज के ज्वलंत मुद्दों पर लगातार लेखन करते रहे हैं.उन्होंने हमेशा वर्तमान समाज को आधार बनाकर अपना लेखन किया. उनकी रचनाएं प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं हैं. आलोचनात्मक लेखन के लिए उन्हें विशेष तौर पर जाना जाता है. ‘बुद्धिजीवियों की जिम्मेदारी’ उनकी काफी चर्चित किताब है.

ये भी पढ़ें : मोदी-जिनपिंग मिले तो पूरे विश्व की नजरें टिकीं, इस बातचीत के महत्व को 4 प्वाइंट्‌स में समझें

Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक मुद्दे, इतिहास, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel