31.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Health: भारत में मोटापे के खिलाफ अभियान की क्यों पड़ी जरूरत? जानिए, क्या कहते हैं आंकड़े

बदलती जीवनशैली के कारण देश में माेटापा एक गंभीर समस्या बन चुका है. चिंताजनक है कि यह बड़ों के साथ बच्चों को भी प्रभावित कर रहा है.

Health: बदलती जीवनशैली ने हमारे खानपान और शारीरिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित किया है. नतीजा अधिक वजन और मोटापे के रूप में सामने आ रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें, तो दुनिया के प्रति आठ में से एक व्यक्ति मोटापे की गिरफ्त में है. भारत भी इस समस्या से अछूता नहीं है. इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है, जिसके लिए देश की अनेक नामचीन हस्तियों को नामित किया गया है. जानते हैं इस वैश्विक समस्या से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में.

10 वर्षों में तिगुनी हो गयी है देश में मोटापे की दर

नयी दिल्ली स्थित जाने-माने अस्पताल, सर गंगाराम की मानें, तो पिछले 10 वर्षों में, भारत में मोटापे की दर लगभग तीन गुना हो गयी है, जिसका असर देश की शहरी और ग्रामीण दोनों जनसंख्या पर पड़ रहा है. चिंता वाली बात यह है कि मोटापे का वैश्विक संकट हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है. अस्पताल ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि भारत में मोटापे की दर अधिक है और देश में 10 करोड़ से अधिक लोग मोटापे से जूझ रहे हैं. इसके साथ ही यह भी सामने आया है कि अपने देश में पेट के मोटापे की समस्या कहीं अधिक बढ़ रही है. विश्व मोटापा महासंघ (वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन) का कहना है कि भारत में मोटापा ग्रस्त व्यक्तियों का प्रतिशत दुनिया में तीसरा सबसे अधिक है.

नीचे दिये गये सभी आंकड़े प्रतिशत में हैं.

Obesity
मोटापे की बढ़ रही है समस्या

चिंताजनक है बच्चों का मोटा होना

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) द्वारा किये गये एक अध्ययन से पता चलता है कि बीते एक दशक में भारत में बच्चों के मोटापे में चिंताजनक वृद्धि दर्ज हुई है. आंकड़ों के अनुसार, भारत में पहले से ही चौदह लाख से अधिक (1.44 मिलियन) बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं. देश में बच्चों में बढ़ते मोटापे के प्राथमिक कारणों में खानपान की खराब आदतें, शारीरिक गतिविधियों में कमी और सुस्त जीवनशैली शामिल हैं. प्रोसेस्ड स्नैक्स और फास्ट फूड के बढ़ते चलन के कारण बच्चे उच्च कैलोरी, कम पोषक तत्वों वाले आहार का सेवन कर रहे हैं, जो वजन बढ़ने और मोटापे का कारण बन रहा है. यह स्थिति बहुत गंभीर है. मोटे बच्चों में टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और सांस लेने में कठिनाई जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के उत्पन्न होने का खतरा अधिक होता है. इसके अतिरिक्त, उन्हें निराशा और आत्मविश्वास में कमी सहित अनके मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना भी अधिक रहती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें