आज (23 जनवरी) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है. उनके अतिरिक्त हमारे देश में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं हुआ जो एक साथ महान सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शख्सीयतों, नेताओं के समकक्ष व साधिकार बैठ कर कूटनीति तथा चर्चा करनेवाला हो. बोस का एक ऐसा व्यक्तित्व था, जिसका मार्ग कभी स्वार्थो ने नहीं रोका. जिसके पांव लक्ष्य से पीछे नहीं हटे.
जिसने जो भी स्वप्न देखे, उन्हें साधा और जिसमें सच्चाई के सामने खड़े होने की अद्भुत क्षमता थी. वह भारतीयता की पहचान थे. आज भी वह भारतीय युवाओं के प्रेरक हैं. वे भारत की अमूल्य निधि थे और रहेंगे. ‘जय हिंद’ का नारा उन्हीं की देन है. ‘तुम मुङो खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ कहनेवाले बोस सर्वकालिक नेता थे, जिनकी जरूरत कल थी, आज है और कल भी रहेगी.
अनिल सक्सेना, जमशेदपुर