राहुल गांधी ने एआइसीसी की बैठक में कहा कि विपक्ष गंजों को कंघी बेच रही है. उनकी इस उक्ति से कांग्रेस की असली मानसिकता उजागर होती है. उनके कहने का मतलब यह है कि देश में बदलाव की चाह रखने वाली जनता गंजे के सामान है. उनके सर पर बाल उग ही नहीं सकते, इसलिए उन्हें कंघी की जरूरत नहीं है.
शायद वे कहना चाहते हैं कि इन गंजे सिरों को टोपी की ही जरूरत है, जो कांग्रेस हमेशा से पहनाती आयी है. उनका भाषण जिसने भी तैयार किया है उसे मुहावरों के चयन में सावधानी बरतनी चाहिए थी.
अभी-अभी राजसिंहासन की दावेदारी से एक कदम पीछे हटने वाले राहुल गांधी को पहले यह बताना चाहिए था कि पिछले 10 सालों में कांग्रेस ने हेयर कटिंग की है या अंधों को चश्मा बांटने का काम किया है. लोकसभा चुनाव के ऐन वक्त पर सिलिंडर बांटना चुनावी रबड़ी है.
कृष्णमोहन, ई-मेल से