भारत में आज कुछ लोग प्रेम को छोड़कर नफरत की राह पर चल रहे हैं. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व अन्य धर्मों के लोगों ने मिलकर ही इस देश को आजाद करवाया था. इसके बावजूद आज कई लोग धर्म के नाम पर लोगों को बांटते नजर आते हैं.
राजनीति का सहारा लेकर समाज में हिंसा फैलाना गलत है. हिंसा से नुकसान के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होता है. आज हालत यह है कि राजनीति को लेकर लोगों में विरोध बढ़ रहा है. कई नेता सिर्फ अपना राजनीतिक फायदा-नुकसान ही सोचते हैं. ऐसा करना सही नहीं है. सबका जागरूक होना बहुत जरूरी है.
इतिहास गवाह है कि जिसने भी नफरत की राह पकड़ी है, उसकी दुर्गति ही हुई है. जो बात हम सबको फायदा नहीं पहुंचाती है, उसे बिना वजह क्यों करें? इसलिए लोगों को चाहिए कि वे नफरत की राह को छोड़कर मुहब्बत की राह पर चलें. लोग आपसी भाईचारा बनाये रखें और रिश्तों को मजबूत बनायें, नये साल की यही शुभकामना है. हम संकल्प लें कि बीता भूलकर नये साल में देश की मजबूती में योगदान दें.
मो जमील, मधुबनी, बिहार