भारत में कंप्यूटर क्रांति के जनक एवं देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त करनेवाले राजीव गांधी की 74वीं जयंती मनायी गयी है.राजीव गांधी की हालांकि राजनीति में कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन पहले भाई की आकस्मिक मृत्यु और फिर मां इंदिरा गांधी की हत्या ने उन्हें राजनीति की दहलीज पर ला खड़ा कर दिया. राजनीति में अनुभव नहीं होने के बावजूद उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में लोकसभा में सर्वाधिक 404 सीटें हासिल कीं.
युवा जोश एवं आधुनिकता की प्रतिमूर्ति राजीव गांधी भारत को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विकसित देशों की कतार में लाना चाहते थे. देश को डिजिटल बनाने की शुरुआत उन्होंने उस समय की थी, जब भारत अनेक रूढ़िवादी मानसिकताओं से घिरा था. खुद विपक्ष भी इससे अछूता नहीं था.
उनकी आधुनिक सोच की वजह से उनकी काफी आलोचना भी की गयी. आज राजीव गांधी हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी आधुनिक सोच देश के प्रत्येक युवा को प्रेरित कर रही है और भविष्य भी करती रहेगी.
मोहम्मद इरफान, वासेपुर, धनबाद