रांची : आंध्र प्रदेश के वामपंथी विचारक, कवि और पत्रकार वरवरा राव ने राज्य सरकार से माओवादी नेता अरविंद जी के खिलाफ तैनात जवानों को हटाने की अपील की. प्रभात खबर से बातचीत में उन्होंने कहा : यह राजनीतिक संघर्ष है. इसके लिए राजनीतिक रास्ता ही निकाला जाये. सरकार से मेरी अपील है कि माअोवादी नेता अरविंद के खिलाफ जो हजारों जवान लगे हैं, उन्हें हटाया जाये. वरवरा राव बोल्शेविक क्रांति की 100वीं वर्षगांठ पर विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित जनसभा में शामिल होने रांची आये हैं.
फासीवाद ताकतें उभर रही हैं : उन्होंने कहा : रूसी क्रांति के समय जार शासन ने आम जनता के साथ दमन अौर शोषण किया था. आज भी वही स्थिति है. झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों में फासीवाद, साम्राज्यवादी ताकतें उभर रही हैं . इन सबके खिलाफ संघर्ष भी चल रहा है. इस संघर्ष को एकजुट हुए बिना नहीं जीता जा सकता. बोल्शेविक क्रांति इसके लिए प्रेरणा है.
कर रहे एकता लाने की कोशिश : उन्होंने कहा : हमलोगों ने सोवियत संघ के टूटने और ऐसी ही अन्य घटनाअों से सबक ली है. वियतनाम में लाखों लोग मारे गये, पर वियतनाम आज भी है. साम्यवाद, समाजवाद हारा नहीं है. फासीवादी ताकतों से लड़ने के लिए एकता जरूरी है. हमलोग एकता लाने की कोशिश कर रहे हैं. वैज्ञानिक अौर दार्शनिक दर्शन कम्युनिस्ट ही दे सकते हैं. हम समानता की बात करते हैं.
खेतों पर हक उसका हो, जो उसमें श्रम करता हो. फैक्ट्रियों का स्वामित्व उसमें काम करनेवाले कामगारों का होना चाहिए. जल, जंगल, जमीन आदिवासियों के पास हो.
हमारे आदर्श बोल्शेविक क्रांति : उन्होंने कहा : दंडकारण्य, झारखंड अौर देश में जहां भी संघर्ष चल रहा है, लोग इस पर निगाहें लगाये हैं. दंडकारण्य में आम जनता ने जमीन पर अपना अधिकार कर लिया है. वहां शिक्षा अौर स्वास्थ्य आम लोगों के पास है. यह मॉडल वहां के लोगों के लिए बेहतर साबित हो रहा है. जैसा मैंने कहा कि हमारे आदर्श अौर प्रेरणा बोल्शेविक क्रांति है.
