पटना : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार में आने वाले हैं. उनके आने की खबर से ही बिहार की राजनीति में एक नयी बहस छिड़ गयी है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो बिहार में बीजेपी द्वारा एक अलग तरह की रणनीति के तहत राजनीति की जा रही है. योगी आदित्यनाथ की सफलता को बिहार की राजनीति में दोहराने के लिए भाजपा बेचैन है. शायद, इसलिए राजधानी पटना में बीजेपी का पहला बड़ा कार्यक्रम योगी आदित्नाथ के सानिध्य में शुरू हो रहा है. बताया जा रहा है कि योगी अक्रामक राजनीति में विश्वास रखते हैं और उनकी पहली जनसभा बिहार में काफी सफल होगी. वह भी उस समय जब सत्ताधारी दल का एक धड़ा भ्रष्टाचार के आरोपों को झेल रहा है और विपक्ष के रूप में बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति समेत अन्य अग्रणी नेता और सांसद पिछले तीन साल में नरेंद्र मोदी सरकार की सफलताएं गिनाने के लिए बिहार आयेंगे. नरेंद्र मोदी सरकार 26 मई 2017 को अपना तीन साल पूरा करेगी. बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कि हमारे राष्ट्रीय और राज्य के महत्वपूर्ण नेता पिछले तीन वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार की सफलताएं बताने के लिए देश के विभिन्न हिस्से में जायेंगे. सुशील मोदी ने कहा कि पार्टी के सघन अभियान के तहत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति समेत अन्य अग्रणी नेता और सांसद 25 मई से 15 जून के बीच राज्य का दौरा करेंगे.
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