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अच्छी पहल ! बिहार में जीएसटी दरों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे, शुरू हुआ यह काम, जानें

पटना: बिहार राज्य वाणिज्य कर विभाग ने जीएसटी व्यवस्था के तहत 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की कर श्रेणी में लाई गयी वस्तुओं के मामले में लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने को लेकर बाजार सर्वे शुरू कर दिया है. पटना के सूचना भवन स्थित संवाद कक्ष में वाणिज्य कर विभाग की आयुक्त-सह-प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी […]

पटना: बिहार राज्य वाणिज्य कर विभाग ने जीएसटी व्यवस्था के तहत 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की कर श्रेणी में लाई गयी वस्तुओं के मामले में लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने को लेकर बाजार सर्वे शुरू कर दिया है. पटना के सूचना भवन स्थित संवाद कक्ष में वाणिज्य कर विभाग की आयुक्त-सह-प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने गुरुवारको संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाजार सर्वे के दौरान अधिकारी यह पता लगायेंगे कि जिन उत्पादों पर कर घटाया गया है उसका लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है या नहीं.

उन्होंने बताया कि ऐसी कोई भी शिकायत उपभोक्ता फोन, फैक्स अथवा इमेल के जरिए स्टेट स्क्रीनिंग समिति से कर सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की जा रही है क्योंकि नयी और आईटी पर आधारित व्यवस्था होने के कारण उपभोक्ता एवं विक्रेता दोनों के लिए कठिनाईयां है पर हम किसी को बढ़ावा नहीं देंगे और यह सुनिश्चित किया जायेगा की जिन उत्पादों के जीएसटी दरों को घटाया गया है, उसका लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे.

जीएसटी परिषद की हाल ही में गुवाहाटी में हुई बैठक में सर्वसम्मति से 28 प्रतिशत स्लैब वाली लगभग 178 वस्तुओं को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत के स्लैब में लाया गया. अगर कोई व्यापारी इसमें मुनाफाखोरी करता है और करों में कटौती का लाभ जनता तक नहीं पहुंचाता है तो इसके लिए मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकार का गठन किया गया है. चतुर्वेदी ने बताया कि अब तक राज्य के 2 लाख 35 हजार निबंधित टैक्सपेयर्स (1,79,582 वैट रजिस्टर्ड तथा 55,542 नवनिबंधित) तथा केंद्र के 65257 (7008 माइग्रेटेड तथा 58249 नवनिबंधित) टैक्सपेयर्स को मिलाकर कुल 3 लाख 381 निबंधित व्यावसायी हैं.

रिटर्न फाइलिंग की स्थिति माहवार कम होने के संदर्भ में उन्होंने बताया कि केंद्र तथा अन्य राज्यों की भी कमोबेश यही स्थिति है लेकिन धीरे-धीरे जानकारियाँ बढने से तथा जीएसटी परिषद द्वारा व्यावहारिक रवैया अपनाए जाने से इसमें वृद्धि होगी. चतुर्वेदी ने कहा कि गत वर्ष की तुलना में राजस्व वसूली में इस वर्ष कुछ माहों में कमी आई है तथापि 9 प्रतिशत की वृद्धि दृष्टिगत है क्योंकि पूर्व के तीन माह तक वैट के तहत वसूली हुई. उन्होंने बताया कि गत वर्ष वित्तीय वर्ष के प्रथम सात माह में 8,115.59 करोड रपये राजस्व वसूली थी जबकि इस वर्ष इन्हीं सात माहों में 8,861.08 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हुई है. इस अवसर पर वाणिज्य कर विभाग के अपर सचिव, अपर आयुक्त तथा कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे.

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