पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों के बकाये वेतन के लिए दो हजार 600 करोड़ रुपये किये जारी किया गया है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र मिलने वाली राशि के प्रत्याशा में इन रुपये को राज्य सरकार ने अपने स्तर पर जारी किया है. शिक्षकों का यह वेतन अगस्त से दिसंबर 2017 तक का जारी किया गया है.
इसके साथ ही विश्वविद्यालयों शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन में भी 286 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. इनका भी बकाया वेतन सितंबर 2017 से जारी किया गया है. विश्वविद्यालय के सभी स्तर के कर्मियों के सेवांत लाभ या बकाया सेवांत लाभ के मद में भी 442 करोड़ रुपये अलग से जारी किये गये हैं.
बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगी. राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े बच्चों और महिलाओं को मिलने वाले रोजाना पोषाहार की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए व्यापक स्तर पर पहल की है. इसके तहत इनके लिए निर्धारित पोषाहार के रुपये में बढ़ोतरी की गयी है. आंगनबाड़ी केंद्रों से चलने वाली सभी योजनाओं से लाभुकों को ज्यादा फायदा देने के लिए इसकी राशि में बढ़ोतरी की गयी है. इसमें 6 से 72 महीने के बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए पहले छह रुपये रोजाना के हिसाब से राशि मिलती थी, जिसे बढ़ाकर आठ रुपये कर दी गयी है.
इसी तरह गर्भवती महिलाओं के लिए सात रुपये से बढ़ाकर 9.50 रुपये और धातृ माताओं के लिए नौ रुपये को बढ़ाकर 12 रुपये रोजाना कर दिया गया है. इसी तरह किशोरी बालिकाओं के लिए चलने वाली योजना के अंतर्गत 11 से 14 वर्ष की स्कूल नहीं जाने वाली किशोरियों को दी जाने वाली पोषाहार की राशि को भी पांच रुपये से बढ़ाकर 9.50 रुपये प्रतिदिन कर दी गयी है. इस बढ़ोतरी को तत्काल प्रभाव से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर लागू करने का आदेश भी कैबिनेट ने जारी किया है.
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
– पटना में मौजूद आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के परिसर में सेंटर फॉर ज्योग्राफिकल स्टडीज की स्थापना होगी. इसके अलावा यहां पहले से स्थापित तीन केंद्रों स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मॉस कॉम्यूनिकेशन, पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और सेंटर फॉर रिवर स्टडीज के अलावा प्रस्तावित सेंटर फॉर ज्योग्राफिकल स्टडीज के लिए निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन और निदेशक के वेतन से संबंधित प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गयी है.
– वित्तीय वर्ष 2017-18 में शिवहर जिला के अंतर्गत सरोजा सीताराम अस्पताल के भवन निर्माण के बचे हुए कार्य और सुपौल जिला में 150 बेड वाले सदर अस्पताल के द्वितीय फेज का निर्माण कार्य कराने के लिए 19 करोड़ 12 लाख रुपये जारी किये गये हैं.
– जमुई में बनने वाले राजकीय पॉलिटेकनिक के बजट को रिवाइज करते हुए इसे 35 करोड़ 97 लाख रुपये का कर दिया गया है.
– बांका जिला के बौंसी अंचल के श्याम बाजार में तसर अग्र परियोजना केंद्र की स्थापना के लिए 17 एकड़ जमीन उद्योग विभाग को दी गयी.
– जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बाढ़ पूर्व तैयारी अभी से शुरू कर दी गयी है. इसके तहत 557 करोड़ 48 लाख के 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है. इसके अंतर्गत कई नदियों में चेक डैम समेत कई सुदृढ़ीकरण कार्य कराये जायेंगे.
– भू-अर्जन या अधिग्रहण की कार्रवाई में स्थापना मद और आकस्मिक व्यय की राशि में कटौती की गयी है. अब स्थापना मद में 20 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत और आकस्मिक मद में व्यय एक फीसदी कर दी गयी है.
-अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के मापदंडों में बदलाव को मंजूरी. अब चार लाख रुपये सालाना की वार्षिक आयवाले परिवार भी लाभ उठा सकते हैं. अब अल्पसंख्यक वित्तीय निगम को वित्तीय वर्ष 2017-18 से1 00 सालाना करोड़ रुपये मिलेंगे. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को इससे रोजगार के लिए ऋण दिया जाता है. इससे अब ज्यादा लोगों को ऋण मिल सकेगा.
-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत मातृत्व लाभ योजना को भी स्वीकृति. यह योजना एक जनवरी, 2017 से लागू होगी और सभी 38 जिलों में सेल का गठन करके इनमें अनुबंध के आधार पर कर्मियों की बहाली की जायेगी. इसके तहत केंद्रांश के रूप में 300 करोड़ रुपये और राज्यांश के रूप में 200 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं.
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