कर्नाटक की फायरब्रांड एक्टिविस्ट पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात को हत्या कर दी गयी. कहा जा रहा है कि गौरी लंकेश की तर्कवादी सोच ने उनके इतने दुश्मन बना दिये थे कि उनकी हत्या कर दी गयी. गौरी लंकेश कम्युनिस्ट विचारधारा की थीं और नरेंद्र मोदी की कट्टर विरोधी थीं. उनके लेखन में यह विरोध साफ झलकता था. उन्होंने अपने साप्ताहिक अखबार में जो अंतिम संपादकीय लिखा, उसमें भी यह विरोध साफ झलकता है.
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उन्होंने उदाहरण देकर बताया है कि किस प्रकार गणेश चतुर्थी को लेकर सोशल मीडिया में झूठ फैलाया गया. झूठ इतनी मजबूती से फैलाया गया कि कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आरके दत्ता को सफाई देनी पड़ी. गौरी लंकेश ने फेक न्यूज को लेकर कई उदाहरण देते हुए अपनी बात संपादकीय में कही थी. गौरी ने अपने संपादकीय में कुछ बेवसाइट का भी जिक्र किया है जो फर्जी खबरों को फैलाते हैं.
कौन थीं कर्नाटक की चर्चित पत्रकार गौरी लंकेश, जिनके तर्कवादी विचार ने बना दिये उनके दुश्मन?
they printed some pamphlets against Gauri. Please look at all the angles, come to a conclusion & bring justice: Brother of #GauriLankesh pic.twitter.com/BrZY7n6qNJ
— ANI (@ANI) September 7, 2017

