22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पत्रकार गौरी लंकेश ने अपने अंतिम संपादकीय में पीएम नरेंद्र मोदी पर कितना तीखा हमला बोला था?

कर्नाटक की फायरब्रांड एक्टिविस्ट पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात को हत्या कर दी गयी. कहा जा रहा है कि गौरी लंकेश की तर्कवादी सोच ने उनके इतने दुश्मन बना दिये थे कि उनकी हत्या कर दी गयी. गौरी लंकेश कम्युनिस्ट विचारधारा की थीं और नरेंद्र मोदी की कट्टर विरोधी थीं. उनके लेखन में यह […]

कर्नाटक की फायरब्रांड एक्टिविस्ट पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात को हत्या कर दी गयी. कहा जा रहा है कि गौरी लंकेश की तर्कवादी सोच ने उनके इतने दुश्मन बना दिये थे कि उनकी हत्या कर दी गयी. गौरी लंकेश कम्युनिस्ट विचारधारा की थीं और नरेंद्र मोदी की कट्टर विरोधी थीं. उनके लेखन में यह विरोध साफ झलकता था. उन्होंने अपने साप्ताहिक अखबार में जो अंतिम संपादकीय लिखा, उसमें भी यह विरोध साफ झलकता है.

अपने अंतिम संपादकीय में गौरी लंकेश ने ‘फेक न्यूज’ को निशाना बनाया था. आजकल जबकि सोशल मीडिया काफी मजबूत स्थिति में है, फेक न्यूज का चलन बढ़ता जा रहा है. गौरी ने अपने संपादकीय में फेक न्यूज के लिए नरेंद्र मोदी और (उनके अपने शब्दों में) उनके‘भक्तों’पर निशाना साधा है. गौरी लिखती हैं कि इस बार उनकी पत्रिका ‘फेक न्यूज’ पर ही आधारित हैं. देश में ‘फेक न्यूज’ का प्रसार ‘मोदी भक्त’ ही ज्यादा करते हैं. उन्होंने लिखा है कि किस तरह ऐसे न्यूज देश को समाज को नुकसान पहुंचाते हैं.

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की सीबीआइ जांच संभव, राहुल का मोदी पर निशाना, हर अहम बात

उन्होंने उदाहरण देकर बताया है कि किस प्रकार गणेश चतुर्थी को लेकर सोशल मीडिया में झूठ फैलाया गया. झूठ इतनी मजबूती से फैलाया गया कि कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आरके दत्ता को सफाई देनी पड़ी. गौरी लंकेश ने फेक न्यूज को लेकर कई उदाहरण देते हुए अपनी बात संपादकीय में कही थी. गौरी ने अपने संपादकीय में कुछ बेवसाइट का भी जिक्र किया है जो फर्जी खबरों को फैलाते हैं.

गौरी लंकेश अपने संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘बूसी बसिया’ लिखा करती थीं, जिसका अर्थ है -जब भी मुंह खोलेंगे, झूठ ही बोलेंगे. इसमें फेकन्यूज का उदाहरण देते हुए नये करदाताओं और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के फॉलोअर्स को लेकर जारी हुए आंकड़ों का भी जिक्र है. अपने संपादकीय में गौरी लंकेश ने ‘फेक न्यूज’ को एक्सपोज करने वालों की खूब तारीफ की है. उन्होंने ध्रुव राठी का भी अपने संपादकीय में जिक्र किया है.

कौन थीं कर्नाटक की चर्चित पत्रकार गौरी लंकेश, जिनके तर्कवादी विचार ने बना दिये उनके दुश्मन?

कहने का आशय यह है कि गौरी लंकेश की कलम बहुत ही बेबाकी से अपनी बात रखती थी, उन्होंने सच लिखने में कभी यह नहीं सोचा कि फलां व्यक्ति कितना रसूखदार है. शायद इसी बेबाकी के कारण उन्हें अपनी जान भी गंवानी पड़ी.
आज गौरी लंकेश के भाई ने कहा कि वह नक्सलियों के पुनर्वास के लिए काम करती थीं, कुछ को वह लेकर भी आयीं, उस वक्त उनके खिलाफ बहुत आवाजें उठीं. विरोधियों ने गौरी के खिलाफ कुछ पोस्टर भी छपवाये थे. इन पक्षों पर गौर करने की जरूरत है, तभी निष्कर्ष पर पहुंचा जाये और उनके हत्यारों को सजा मिले और गौरी को न्याय.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें