34.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सचिन ने 1999 के ऑस्‍ट्रेलिया दौरे को बताया कैरियर का सबसे कठिन श्रृंखला

मुंबई : महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 24 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान 1999 में ऑस्ट्रेलिया में हुई श्रृंखला को सबसे कड़ी करार दिया है. तेंदुलकर ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि सबसे कड़ी श्रृंखला 1999 की थी जब हम ऑस्ट्रेलिया गए थे और उनकी टीम […]

मुंबई : महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 24 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान 1999 में ऑस्ट्रेलिया में हुई श्रृंखला को सबसे कड़ी करार दिया है. तेंदुलकर ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि सबसे कड़ी श्रृंखला 1999 की थी जब हम ऑस्ट्रेलिया गए थे और उनकी टीम बेजोड थी.

उनकी एकादश में सात से आठ मैच विजेता थे और बाकी खिलाड़ी भी काफी अच्छे थे. यह ऐसी टीम थी जिसने विश्व क्रिकेट में कई वर्षों तक दबदबा बनाया. उनकी खेलने की अपनी शैली थी, काफी आक्रामक.’ स्टीव वा की टीम ने तीन मैचों की इस श्रृंखला में पूरी तरह से दबदबा बनाते हुए भारत का 3-0 से वाइटवाश किया था. तेंदुलकर ने कहा कि अन्य टीमें की ऑस्ट्रेलिया के खेलने की शैली को सराहती थी और ऐसा ही खेलना चाहती थी.

लता मंगेशकर की यह बात सुन भावुक हुए सचिन तेंदुलकर, कहा- मां के आशीर्वाद बिना…

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब भी याद है कि मेलबर्न, एडिलेड और सिडनी में उन्होंने जिस तरह का क्रिकेट खेला उससे पूरी दुनिया प्रभावित हुई. सभी इसी तरह का क्रिकेट खेलना चाहते थे. हालांकि हम सभी अपने खेलने के तरीके का सम्मान करते हैं लेकिन सभी को लगता था कि उन्होंने जो क्रिकेट खेला वह विशेष था.’
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘वे लगातार ऐसा प्रदर्शन करने में सफल रहे. वह विश्व स्तरीय टीम थी.’ खेल के सबसे लंबे प्रारुप को अपना पसंदीदा बताते हुए तेंदुलकर ने कहा, ‘‘अगर मुझे टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की तुलना करनी पड़े तो नि:संदेह सबसे अधिक संतोष तब मिलता है जब आप टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करो और टीम के लिए कुछ विशेष करो.’ तेंदुलकर ने कहा कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये का सामना करना पसंद नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘‘1989 में जब से मैंने खेलने शुरू किया तब से कम से कम 25 विश्व स्तरीय गेंदबाज मौजूद थे. लेकिन जिनके खिलाफ बल्लेबाजी का मैंने लुत्फ नहीं उठाया वह हैंसी क्रोन्ये थे. किसी ना किसी कारण से मैं आउट हो जाता था और मुझे महसूस होने लगा था कि मैं गेंदबाजी छोर पर खड़ा ही अच्छा हूं.’
इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, ‘‘पिच पर जो भी दूसरा बल्लेबाज होता था मैं उसे कहता था कि अगर दूसरे छोर से (एलेन) डोनाल्ड या (शान) पोलाक गेंदबाजी कर रहा है तो मैं उसका सामना कर लूंगा लेकिन हैंसी की गेंद पर अधिक स्ट्राइक तुम रखो.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें